- Back to Home »
- Knowledge / Science »
- मुस्कुराने की सौगात...
Posted by : achhiduniya
02 January 2015
अपने आप मे करे कुछ बदलाव ......
मित्रो प्रणाम ....आज की जीवन शैली मे आपसे -हमसे रोज ही अनेक व्यक्ति मिलते हैं, किन्तु उनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जिनका हम पर कुछ विशेष प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव होता है उनके व्यक्तित्व का क्या...? आप भी नहीं चाहते कि आपका व्यक्तित्व ऐसा हो कि लोग आप से प्रभावित हुए बिना न रह पाएँ यदि ऐसा चाहते हैं तो आपको अपने व्यक्तित्व का विकास करना होगा। जब भी किसी से मिलें, मधुर मुस्कान के साथ मिलें आप की एक मधुर मुस्कान लोगों को प्रभावित कर सकती है, इसलिए जब भी किसी से
मिलें,मुस्कुराकर मिलें। मुस्कुराने की सौगात ईश्वर ने इंसान
को दी है,जानवर को नही ये बात अवश्य ध्यान रखे ।
मुस्कुराने के लिए हमें किसी प्रकार का खर्च नहीं करना पड़ता फिर भी जाने क्यों अधिकतर लोग मुस्कुराना नहीं चाहते। आप जब किसी से मुस्कुरा कर मिलते हैं तो सामने वाले को लगता है, कि आप उसे पसंद करते हैं, यह बात तो आप अच्छे
से जानते
ही हैं कि स्वयं को पसंद किया जाना हर किसी को अच्छा लगता है। मुस्कुरा कर आप दूसरों को प्रभावित तो करते ही हैं, साथ ही अपने स्वयं के स्वास्थ के प्रति भी अहसान करते हैं क्योंकि हँसना-मुस्कुराना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। खुश
रहने और मुस्कुराने मे आपके अनचाहे तनाव दूर भाग जाते है । आप हमेशा मैं के स्थान पर आप या तुम को अधिक महत्व दें जब भी लोग दूसरों से मिलते हैं, स्वयं अर्थात् मैं को अधिक महत्व देने लगते हैं जिसके कारण सामने वाले का महत्व कम लगने लगता है।
इससे
आपके स्वाभिमान का नही अभीमान का परिचय होता है। कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि उसके महत्व को कम करके आँका जाये। इसलिए हमेशा मैं के स्थान पर आप या तुम को अधिक महत्व देने का प्रयास करें। आपका ऐसा करना निश्चय ही सामने वाले व्यक्ति को प्रभावित करेगा। लोगों को ईमानदारी के साथ पसंद करें यदि हम चाहते हैं कि हर कोई हमें पसंद करे तो हमें भी हर किसी को पसंद करना ही होगा और वह भी पसंद करने का दिखावा नहीं होना चाहिए बल्कि ईमानदारी के साथ पसंद किया जाना होना चाहिए।पसंद
का मतलब ये नही की उसकी चेहरे की खूबसूरती बल्कि उसका चरित्रवान होना चाहिए ।
स्वयं अधिक बोलने की अपेक्षा दूसरों को अधिक सुनें
जब
भी हम किसी से मिलते हैं तो होता यह हैं कि हम स्वयं अधिक से अधिक बोलने लगते हैं और दूसरों की बातों पर ध्यान बहुत कम देते हैं या प्रायः ध्यान देते ही नहीं। ऐसा करने से दूसरों पर हमारा
नकारात्मक व बड़बोले पन जैसा प्रभाव पड़ने लगता है। एक अच्छा श्रोता होना बहुत बड़ा गुण है इसलिए स्वयं अधिक बोलने की अपेक्षा धैर्य के साथ दूसरों को अधिक सुनने का प्रयास करें।किसी
भी व्यक्ती को उसके नाम से सम्बोधित करें प्रत्येक व्यक्ति की नजर में उसका स्वयं का नाम बहुत अधिक महत्व रखता है।
अतः जब भी आप किसी को उसके नाम से पुकारते हैं, तो उसे लगता है कि उसके नाम का महत्व बढ़ रहा है। इसलिए हमेशा सामने वाले को नाम से सम्बोधित करने का प्रयास करें। निःस्वार्थ भाव से लोगों की सहायता करें आज की दुनिया इतनी स्वार्थी हो गई है कि बिना किसी लाभ के कोई किसी की सहायता नहीं करता। ऐसे में यदि आप निःस्वार्थ भाव से लोगों की सहायता करते हैं तो निश्चय ही लोगों में आपका प्रभाव बढ़ेगा साथ ही आपका महत्व भी बढ़ेगा।
उपरोक्त छोटी-छोटी बातें निश्चय ही आपके व्यक्तित्व का विकास करके दूसरों की नजरों मे आपको प्रभावशाली एवं महत्वपूर्ण बना सकती हैं। आज से ही स्वयं को बदलने का प्रयास
शुरू
कर दीजिए, क्योंकि बिना
प्रयास किये
कोई भी कार्य नहीं हो पाता।इसे
आज से ही शुरू कर दे क्योकि कल करे सो आज
कर आज करे सो अब कही छूट न जाए मौका रह
जाएंगे हाथ मल कर ।
![]() |
| ALL THE BEST'S |
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)