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- कपास किसानों के साथ सरकारी ज्यादती
Posted by : achhiduniya
28 January 2015
सरकारी सेंटरों पर ही अपने कपास बेंचें.....
सूखे और ओलावृष्टि की मार झेल रहे कपास किसानों को प्राइवेट ठेकेदारों की मनमानी से भी दो-चार होना पड़ रहा है. सरकार द्वारा कपास की निर्धारित कीमत 4050 रुपए प्रति क्विंटल तय होने के बावजूद प्राइवेट सेंटरों पर कपास के दाम 3200 रुपए प्रति क्विंटल ही किसानों को मिल रहे हैं। जबकि सरकार ने 4 साल बाद राय में 200 नए खरीदी सेंटर खोले हैं.
किसानों द्वारा शिकायत मिलने के बाद राय के सहकारिता मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के आदेश दिए हैं। पाटिल ने किसानों से अपील की कि वे सरकारी सेंटरों पर ही अपने कपास बेंचें। पाटिल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसानों को प्राइवेट ठेकेदारों से बचाएं जो कम कीमत पर उनके कपास खरीद रहे हैं।
किसान नेता पाशा पटेल ने कहा कि मराठवाड़ा
जलगांव खानदेश और विदर्भ से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। चंद्रकांत पाटिल ने तुरंत
इस पर कारवाई के आदेश दिए हैं। पाशा पटेल ने कहा कि यह शिकायतें उन क्षेत्रों से जयादा
आ रही हैं जहां या तो सरकारी खरीदी सेंटर कम हैं या जहां कपास उपादन कम है.
प्राइवेट सेंटरों द्वारा कम दाम देने के खिलाफ किसान शिकायत कर सकते हैं।