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- धर्म का न उड़ाएं मजाक…..
Posted by : achhiduniya
18 January 2015
धर्म की स्वतंत्रता......
ईसाइयों के सर्वोच्च धार्मिक
गुरू पोप फ्रांसीस ने पेरिस की पत्रिका ‘शार्ली ऐब्दो’ पर हुए आतंकवादी हमले के
परिप्रेक्ष्य में कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण जरूरी तो है
लेकिन इसके नाम पर किसी धर्म का माखौल उड़ाना गलत है और ऐसा करने वालों का उसका
परिणाम भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने धर्म की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता के बीच के संबंधों के बारे में कहा कि ये दोनों किसी भी इंसान के
मूलभूत अधिकार हैं और हर किसी को सबके हित में बोलने का न सिर्फ अधिकार और
स्वतंत्रता है बल्कि यह उनका कर्तव्य भी है।

पोप ने लेकिन स्पष्ट रूप से कहा कि यह
अधिकार हालांकि किसी अन्य अधिकार का सार्वजनिक हनन करने का नहीं है।अपनी बात को
अधिक समझाने के लिहाज से पोप ने अपने करीब बैठे एक व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए
कहा कि यह सही है कि इन्हें हिंसक प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए और ये मेरे अच्छे
दोस्त भी हैं लेकिन अगर ये मेरी मां को अपशब्द कहते हैं तो इन्हें मुझसे घूंसा पड़
सकता है। आप किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता की अपनी सीमाएं हैं। पहले ये लोग दूसरे का अपमान करते हैं तब ही ऐसी
घटनाएं होती हैं।