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- परीक्षा के पहले रहे तैयार.... नौकरी मिलने के बनेगे आसार
Posted by : achhiduniya
17 February 2015
डिग्री के साथ..........होगी राहे आसान.....
मेडिकल के क्षेत्र में समय-समय पर कई ऐसे मौके
आते हैं, जिनके जरिए छात्र अपने सपनों
को परवान चढ़ा सकते हैं। इसी में से एक सम्मिलित चिकित्सा सेवा परीक्षा (सीएमएस)
भी है। यूपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली इस परीक्षा के बाद केंद्र सरकार की
प्रमुख सेवाओं जैसे रेलवे, आर्डिनेंस फैक्ट्री, हेल्थ सर्विस, सेंट्रल हेल्थ सर्विस और एमसीडी आदि
में डॉंक्टरों अथवा चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। सीएमएस 2015
की प्रस्तावित तिथियां घोषित भी हो चुकी हैं। परीक्षा में बैठने के
इच्छुक छात्र अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दें। इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा के
तहत जो भी नियुक्तियां की जाती हैं, वे सभी चिकित्सा क्षेत्र
से ही संबंधित होती हैं।
अत: इसमें वही उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यताप्राप्त संस्थान से एमबीबीएस की लिखित व प्रायोगिक
परीक्षा पास कर ली हो अथवा अंतिम वर्ष की परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हों। इसके
लिए उनकी अधिकतम आयु 32 वर्ष होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी के
अंतर्गत आने वाले जो उम्मीदवार आयु सीमा में छूट चाहते हैं, उन्हें
सरकारी नियमों के तहत ही छूट मिलेगी। सीएमएस परीक्षा का आयोजन लिखित परीक्षा व
इंटरव्यू के आधार पर होता है। लिखित परीक्षा दो पेपरों में बंटी होती है। प्रत्येक
पेपर दो घंटे का होता है। पेपर एक जनरल एबिलिटी, जनरल मेडिसिन
व पेडिएट्रिक पर होता है, वहीं पेपर दो सर्जरी, गायनकोलॉजी एवं प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन पर आधारित होता है। इसमें सफल
होने के बाद पर्सनेलिटी टेस्ट और इंटरव्यू का नंबर आता है। परीक्षा एक ही दिन
आयोजित की जाती है। दोनों ही पेपर 250-250 अंकों के होते
हैं। प्रत्येक पेपर में कुल 120-120 प्रश्न होते हैं तथा
इनका माध्यम सिर्फ अंग्रेजी होता है।
प्रश्न ऑब्जेक्टिव और मल्टीपल च्वाइस के होते
हैं। जब तक उम्मीदवारों के बेसिक क्लीयर नहीं होंगे, तब तक
वे इन प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकेंगे। इसलिए रटने की बजाय किसी भी टॉपिक की
बेसिक जानकारी को समझने पर जोर दें। इसके दोनों ही पेपरों का सिलेबस काफी विस्तृत
होता है तथा उनका लेवल भी हाई होता है, इसलिए छात्रों से
अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी तैयारी इसी के अनुरूप करेंगे। प्रत्येक पेपर के जो
भी सेक्शन हैं, उनके अंतर्गत व्यापक रूप से टॉपिक दिए गए
हैं। ऐसे में संभावना है कि प्रश्न कहीं से भी पूछे जा सकते हैं। सबसे पहले
उम्मीदवार अपना सिलेबस स्कैन करें कि उन्हें क्या-क्या पढ़ना है, फिर उसी हिसाब से आगे पढ़ना शुरू करें।
परिक्षा के बारे में कहा जा सकता
है कि इसके लिए टाइम मैनेजमेंट और प्लानिंग बहुत जरूरी है। छात्र शुरू से अपनी
तैयारी को एक प्लानिंग के तहत आगे ले जाएं तो अच्छा रहेगा। तैयारी प्रत्येक पेपर
के आधार पर हो तथा जहां पर खुद को कमजोर महसूस कर रहे हों, उसे
अंडरलाइन अथवा एक जगह नोट करते जाएं। बाद में समय मिलने पर किसी एक्सपर्ट से इस पर
मदद लें। टाइम मैनेजमेंट करते समय यह ध्यान दें कि इसमें प्रत्येक पेपर को बराबर
का प्रतिनिधित्व मिल रहा है या नहीं। जहां खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं, उस पर अपना समय बढ़ा सकते हैं।
परीक्षा में जब दो महीने रह जाएं तो
उम्मीदवार सैंपल पेपर अथवा पुराने प्रश्न पत्रों को हल करें। वे यह काम तभी कर
पाएंगे, जब सिलेबस पर उनकी पकड़ मजबूत बन जाएगी, अन्यथा वे प्रश्नों का जवाब दे पाने में असमर्थ होंगे। सिलेबस पूरा हो
जाने के बाद सैंपल पेपर अथवा पुराने प्रश्न पत्र हल करने का फायदा यह होगा कि वे
एक निश्चित समय के अंतराल में प्रश्नों का उत्तर दे सकेंगे। अंतिम दिनों में छात्र
यह कोशिश करें कि उन्हें प्रतिदिन एक सैंपल अथवा ओल्ड पेपर जरूर हल करना है। इस
परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। गलत उत्तर दिए जाने पर एक तिहाई (0.33)
अंक काट लिए जाएंगे, इसलिए उम्मीदवार उन्हीं
प्रश्नों का उत्तर दें, जिनका जवाब उन्हें सही तरीके से
मालूम हो।
जिनका उत्तर नहीं मालूम है, उन्हें छोड़ कर आगे
बढ़ जाएं। बाद में समय मिलने पर उन्हें दोबारा देख लें। हो सकता है कि छोड़े गए
प्रश्नों में से कुछ का जवाब उन्हें याद आ जाए। लिखित परीक्षा पास करने के
बाद ही उम्मीदवार को पर्सनेलिटी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। इस सेक्शन के लिए
कुल 200 अंक (पर्सनेलिटी टेस्ट के लिए 100 व इंटरव्यू के लिए 100) निर्धारित किए गए हैं। इसमें
उम्मीदवार से करेंट अफेयर्स, एकेडमिक करियर, देश-विदेश की हलचलों और विभिन्न विषयों पर उनका मानसिक आकलन पूछा जाता है।
आवेदन की अं.ति. 10 अप्रैल 2015 परीक्षा की तिथि 28 जून 2015 [साभार]