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- देखा – देखी मे बर्बात होता जीवन.......
Posted by : achhiduniya
16 February 2015
जितनी चादर उतने पैर पसारे .....
“फ्रेंड इस नीड , फ्रेंड इंडीड” अर्थात दोस्त वह है, जो जीवन के सबसे जरूरी क्षणों
में आपके साथ खड़ा हो। मसलन दोस्त का संबंध एक ऐसा संबंध होता है, जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं। दोस्त ही वह सबसे बड़ी ताकत होती है,
जिसके भरोसे आप बड़े से बड़ा जोखिम उठा सकते हैं। व्यवसाय ही नहीं, जीवन के किसी भी क्षेत्र में
यदि आप सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो संबंध एक ऐसा स्त्रोत है, जिसे नजरअंदाज करके आप आगे नहीं बढ़ सकते, फिर चाहे
वह संबंध पारिवारिक हो अथवा व्यावसायिक। संबंध ही वह तत्व है, जिसमें सफलता की बुनियाद टिकी होती है।
सफलता की इस बुनियाद का आधार
होता है वह विश्वास, जो लगातार एक-दूसरे पर भरोसा करने से
पैदा होता है। किसी भी बड़े संस्थान में होने वाली 96 प्रतिशत
नियुक्तियों की जांच-पड़ताल किसी न किसी के माध्यम से होती है और एक बार नियुक्ति
हो जाने के बाद भी वे रेफरेन्सेज देखे जाते हैं, जिनके
माध्यम से वे नियुक्तियां हुई हैं। इससे यह बात तो साफ जाहिर होती है कि एक बड़े
पैमाने पर नियुक्ति का माध्यम किसी न किसी रूप में वे संबंध होते हैं, जो आप अपने जीवन में एक-दूसरे के साथ निर्मित करते हैं।
इसके माध्यम से न
सिर्फ आप ज्ञान प्राप्त करते हैं- मसलन गुरु, अपितु कभी-कभी
उस बिजनेस की शुरुआत भी करते हैं, जिसका साझेदार आपका दोस्त
होता है। यहां तक कि कॉरपोरेट जगत की मनचाही नौकरियां भी आज संबंधों के आधार पर ही
मिलती हैं, जिनमें रेफरेन्सेज काम आते हैं।लेकिन इसका मतलब ये
नही की आप दोस्ती या रेफरेंस के नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल करके न सिर्फ अपना अपितु
उनकी इज्जत और उनका भी जीवन दाव पर लगाए जो आपका जीवन सवारना चाहते है।
क्योकि आज के
समय मे लोग अपनी हैसियत से ज्यादा की छलांग लगाने की कोशिश मे जो है उसे भी गंवा देते
है जैसे इस कौए के साथ हुआ:- एक दिन एक कौए ने
विशालकाय गरुड़ को आकाश में उड़ते देखा। वह भेड़ का छोटा मेमना अपने पंजे में दबाए
बहुत ऊंचाई पर उड़ रहा था। इतनी उंचाई पर और तेजी से उड़ने के कारण कोई और पक्षी
रास्ते में नहीं आ रहे थे। कौए ने सोचा कि बढ़िया भोजन पाने का यह अच्छा तरीका है।
मैं भी इसी तरह एक मेमना पकड़ लूंगा और गरुड़ की तरह ऊंचाई पर उड़ूंगा। कौआ पेड़ से
छलांग लगाकर भेड़ों के एक झुंड पर झपटा और उसने एक मेमने को पकड़ने की कोशिश की।
लेकिन भेड़ का एक छोटा-सा मेमना भी कौए के लिए बहुत बड़ा शिकार था! उसे लेकर उड़
नहीं सकता था। फिर भी उसने कोशिश की। मगर कई कोशिशों के बाद भी वह नाकाम रहा। वह
वापस पेड़ की डाल पर जाकर बैठ गया।थोड़ी देर बाद उसके मन में फिर आया कि एक बार और
कोशिश की जाए। उसने नए सिरे से फिर हिम्मत जुटाई और मेमने पर झपट्टा मारा। मेमने
को उसने पकड़ लिया, उसे नोचने-खसोटने
लगा, पर उठाने में कामयाब नहीं हुआ। जब कौए ने उसे छोड़कर
उड़ने की कोशिश की, तो पाया कि उसके पंजे मेमने के ऊनी रोओं
में फंस गए थे। कौए ने स्वयं को छुड़ाने की भरसक कोशिश की, लेकिन
कुछ न हुआ।
किसान ने यह सब देखा, तो उसने कौए को पकड़ लिया और
उसे अपने घर ले आया।मेमने के रोंए कौए के पंजों में फंसकर उसकी शक्ल सूरत बिगाड़
चुके थे। बच्चों ने पूछा, यह कैसा पक्षी है, पिताजी? किसान हंसते हुए बोला, बच्चो, कुछ समय पहले तक तो इसे लगता था कि यह गरुड़
है। अब इसे पता चल गया होगा कि यह तो सिर्फ एक कौआ ही है।
अगर इस बात को इसने
हमेशा याद रखा होता, तो आज यह आजाद पक्षी होता। इसलिए कभी अपनी
परिस्थती या हैसियत से ज्यादा की उड़ान भरने से पहले अपनी चादर जरूर देख लेनी चाहिए, वरना एक दिन चादर फट जाएगी जो सिर्फ रुमाल बनाने के अलावा किसी और काम नही
आएगी ।