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- सावधान.... पेट्रोल पम्प पर होती है आपके साथ धोखेबाज़ी.....जाने कैसे....?
Posted by : achhiduniya
26 March 2015
नजर हटी....... दुर्घटना घटी....... जेब कटी
मित्रो प्रणाम
......जब आप
पेट्रोल पम्प पर जातें है तो पम्प पर मौजूद दो लोग आपको तेल
खरीदने के लिए आमंत्रित करतें है। उनमें से एक व्यक्ती आपको अपनी बातों में उलझाने की
कोशिश करता है, मसलन कौन
सा पेट्रोल चाहिए स्पीड, या फिर
सादा.....? छूट्टे
पैसे है नही ...? या फिर
अपनी कंपनी द्वारा निकाली गई किसी योजना के बारें में बताता है। यही वो समय होता
है जब आपके साथ धोखा हो सकता है।
इस दौरान दूसरा व्यक्ती जो आपकी बाइक में तेल देने के
लिए पेट्रोल का नाजिल आपके बाइक के टैंक में डाल देता है और मीटर शुरू कर देता है।
इस दौरान आप मीटर पर जीरो पर ध्यान नहीं दे पाते है जिसके कारण आप
जितना पैसा देतें है उतना इंधन आपको नहीं मिल पाता है। ऐसे बहुत से मौके होते हैं, जब आप से धोखा हो सकता है। तो
आइये आपको बतातें हैं कि आप कैसे रहें सचेत।
धांधली करने वाले
लोग पेट्रोल पंप मशीन में एक इलेक्ट्रानिक चिप लगा देते हैं। इस चिप के लगते ही यह पेट्रोल डिलिवरी पल्स
को बढ़ा देती है। इससे मशीन के मीटर पर पेट्रोल
सप्लाई और रेट तो सही बताता है लेकिन असल में इससे आपको कम पेट्रोल मिलता है। कुल मिलाकर, हर 50
लीटर
पेट्रोल सप्लाई में इस चिप से 1 से 2 लीटर तक पेट्रोल चोरी कर लिया जाता है। चिप पेट्रोल पंप मशीन
के अंदर फिट की जाती है। इसे रिमोट से नियंत्रित किया जाता है।
सेल्समैन इसे बटन से नियंत्रित करता
है। तेल डालते समय बटन दबाने से तेल कम गिरने
लगाता है। इससे मीटर तो चलता है, लेकिन वास्तव में
उपभोक्ता को तब तक चूना लग चुका होता है। इसे
कोई पकड़ भी नहीं सकता, क्योंकि जैसे ही आप
चेक करने चलेंगे, उसे रिमोट से सही कर दिया जाएगा और तेल सही
मात्रा में गिरेगा। इस चिप को रिमोट कंट्रोल की मदद से ऑपरेट किया जाता है।
दिलचस्प है कि 1 इलेक्ट्रॉनिक चिप की
कीमत करीब 35 से 40 हजार रुपये होती है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी पेट्रोल पंप में ऐसी चिप लगी
है और आपने वहां से 100 रुपये का पेट्रोल डलवाया तो मीटर में आपको जरूर 100 रुपये के बराबर का पेट्रोल दिखेगा, लेकिन असल में पेट्रोल पाइप से 5-10 रुपये का कम तेल निकलता है।
पेट्रोल
देते समय सेल्समैन पंप का मीटर ऑन करते हैं। इसके बाद गाड़ी की टंकी में नोजल डालकर वे लीवर को दबाते या झटका
देते हैं। इससे वैक्यूम हो जाता है और पाइप में
20-50 एमएल पेट्रोल रह जाता
है। दूसरी ओर मीटर रीडिंग जारी रहता है। एक लीटर पेट्रोल भरते समय अगर मात्र 25 मिलीलीटर की चोरी हो, तो उपभोक्ता को लगभग दो रुपए की चपत लगती है। दिनभर में इस
तरह सैकड़ों लोगों की जेब कटती है व हजारों रुपए
की चपत लगाई जाती है। अनेक उपभोक्ता इन बातों से अनजान हैं।@ पेट्रोल लेने से पूर्व मीटर पर शून्य रीडिंग के लिए आशवस्त हो
ले। @मिलावट पर संदेह होने पर
फिल्टर पेपर परिक्षण की मांग करें। @ कैश मेमो लेना न भूलें। @सेवा से संतुष्ट न होने पर शिकायत अवश्य करें।
@ कंपनी के प्रमाणिक पेट्रोल पम्प से ही पेट्रोल या डीजल खरीदें। इन सब बातों
के अलावा आप जब भी पेट्रोल पम्प पर प्रदान की जा रही सेवा से संतुष्ट न हों तो कृपया डीलर/प्रबंधन
के ध्यान में बाते लाएं। यदि स्पष्टीकरण
संतोषजनक न हो तो आपको पेट्रोल पम्प पर उपलब्ध शिकायत पुस्तिका में अपनी शिकायत दर्ज करनी चाहिए। आप अपनी शिकायत
सम्बंधित तेल कंपनी के विक्रय अधिकारी, मंडल कार्यालय को भेज सकते हैं अथवा टेलीफोन पर शिकायत कर सकते हैं।
यदि पेट्रोल पम्पों पर विक्रय अधिकारी का नाम/टेलीफोन नम्बर नहीं लिखा हुआ है, तो उससे शीघ्र सम्बंधित तेल कंपनी की
जानकारी में लायें। शिकायत
करने पर आपको सम्बंधित तेल कम्पनी से पावती प्रदान की जाती है तथा तेल कंपनी शिकायत तिथि से 30 दिन के भीतर सुधारात्मक कार्यवाही करती है।[जनहित मे जानकारी ]