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- स्वयं [खुद] को स्वयं [खुद] ही परखे क्या ऐसे है हम.....?
Posted by : achhiduniya
28 April 2015
जाँचे क्या ...?वाकई अपने आप को
बदलने की जरूरत है.........
@ दुसरों
के साथ बुरा करना और उनसे अच्छे की अपेक्षा रखना |
@ उठाईगीरों, धुमक्कड़, आवारा लोगों के साथ उठना बैठना |
@ कोई अच्छी राय दे तो उस पर ध्यान न देना |
@ स्वयं सही-गलत का विचार न करना और दूसरों को भी इस राह पर लगाना |
@ बेसहारा को सम्मान व सहायता न करना |.jpg)
@ कोई अच्छी राय दे तो उस पर ध्यान न देना |
@ स्वयं सही-गलत का विचार न करना और दूसरों को भी इस राह पर लगाना |
@ बेसहारा को सम्मान व सहायता न करना |
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@ कठिनाइयों में अधीर बन कर चीख़
पुकार करना |
@ साधु-संतों और निर्धनों को
अपने घर से धक्का दे कर भगा देना |
@ स्वयं को दूसरों से श्रेष्ठतर (बेहतर) समझना |
@ अपनी बुद्धि (अक्ल) को सबसे बढ़कर समझना |
@ शत्रु (दुश्मन) को कमजोर समझना |
@ बीमारी को साधारण समझकर शुरु में इलाज न करना |
@ स्वयं को दूसरों से श्रेष्ठतर (बेहतर) समझना |
@ अपनी बुद्धि (अक्ल) को सबसे बढ़कर समझना |
@ शत्रु (दुश्मन) को कमजोर समझना |
@ बीमारी को साधारण समझकर शुरु में इलाज न करना |
@ अपनी राय को मानना और दूसरों
के मान्यता (मशवरें) को ठुकरा देना |
@ किसी के बारे में मालुम होना
फिर भी उसकी चापलुसी में बार-बार आ जाना |
@ बेकारी में आवारा घुमना और रोज़गार की तलाश न करना |
@ अपना भेद किसी दूसरे को बता कर उससे छुपाए रखने की अनुस्मारक (ताकीद) करना |
@ इस विचार में रहना कि युवाकाल (जवानी) और आरोग्यता (तंदुरुस्ती) हमेशा रहेगी।
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@ बेकारी में आवारा घुमना और रोज़गार की तलाश न करना |
@ अपना भेद किसी दूसरे को बता कर उससे छुपाए रखने की अनुस्मारक (ताकीद) करना |
@ इस विचार में रहना कि युवाकाल (जवानी) और आरोग्यता (तंदुरुस्ती) हमेशा रहेगी।
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@ आय से अधिक व्यय करना |
@ लोगों के कष्ट (तकलीफों) में
सहभागी (शरीक) न होना, और उनसे
सहायता की अपेक्षा (उम्मीद) रखना |
@ एक दो मुलाक़ात में किसी के बारे में अच्छी राय कायम करना |
@ माता-पिता की सेवा न करना और अपनी संतान से सेवा की अपेक्षा रखना |.jpg)
@ एक दो मुलाक़ात में किसी के बारे में अच्छी राय कायम करना |
@ माता-पिता की सेवा न करना और अपनी संतान से सेवा की अपेक्षा रखना |
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@ किसी काम को ये सोचकर अधुरा
छोड़ना कि फिर किसी दिन पुरा कर लिया जाएगा।
@ आवश्यकता से अधिक बातचीत करना |
@ पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार नहीं रखना |
@ पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार नहीं रखना |
@ राजा-महाराजा और धनी की मित्रता पर विश्वास रखना |
@ चापलूसों पर विश्वास करना |
@ चापलूसों पर विश्वास करना |
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स्वयं [खुद] को स्वयं [खुद] ही परखे क्या ऐसे है हम.....? |