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- विदेशों में भारतीयों के 120 लाख करोड़ से अधिक का काला धन...........
Posted by : achhiduniya
23 May 2015
काला धन कैसे....? आ सकता है जाने वरिष्ठ
नेता सुब्रमण्यम स्वामी की जुबानी
सरकार की ओर से पहले ही कुछ कालाधन जमा करने
वालों के नाम आ गए थे जिन्हें सार्वजनिक भी किया गया था। लेकिन सभी नामों का
खुलासा नहीं किया गया है।भारतीयों के विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने में
खुद स्विस बैंक भारत सरकार का सहयोग करेगा। इस संबंध में तकनीकी सुधार भी किए
जाएंगे। स्विस बैंक का भारत सरकार को सहयोग करने वाला बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है
कि हाल ही में मौजूदा सरकार ने काले धन के लिए नया कानून बनाया है जिसमें कड़ी सजा
का प्रावधान है।
हालांकि इस विधेयक को अभी भी राष्ट्रपति की ओर से हरी झंडी मिलने
का इंतजार है। है दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी
ने इस बिल को विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के लिहाज से बिल्कुल निरर्थक करार
दिया है। स्वामी ने ये भी दावा किया कि केंद्र सरकार कालेधन को वापस लाने की गंभीर
पहल नहीं कर रही, और न ही उसकी ऐसी मंशा दिखती है। सुब्रमण्यम स्वामी ने काला
धन वापस लाने के पहले तरीके के रूप में लेटर रॉगिटरी का सुझाव दिया है। इसमें
कालेधन के संभावित आरोपियों पर देश में एफआईआर दर्ज कराने के बाद विदेशी न्यायालय
को पत्र लिखा जाता है।
जिसके बाद विदेशी न्यायालय उस देश के कानून के मुताबिक
सरकार को निर्देश देकर काम कराती है। इस प्रक्रिया में कूटनीति का भी अहम किरदार
होता है। जिसकी वजह से इसमें काफी समय लग जाता है। हालांकि, ये पूरी तरह से सुरक्षित और
भरोसेमंद प्रक्रिया होती है। सुब्रमण्यम स्वामी का दूसरा तरीका विवादित हो सकता
है। इसमें उन्होंने फ्रांस और जर्मनी की सरकारों के काम करने के तरीके अपनाने की
बात कही है। इस तरह ब्लैक मनी के संभावित आरोपियों तक पहुंचने के लिए सरकार को ही
अवैध काम करना होगा। जिसमें भ्रष्ट बैंक अधिकारियों से मिलकर कालाधन रखने वालों की
लिस्ट तक पहुंच बनाई जा सकती है।
भारत में कालेधन पर मचे बवाल के पीछे जो लिस्ट है, वो इसी तरीके से प्राप्त की गई
थी। स्वामी ने कालेधन को वापस पाने के लिए तीसरे तरीके के रूप में अमेरिकी तकनीक
अपनाने की सलाह दी है। इसमें सरकार को अध्यादेश या कानून पास करना होता है कि
कालाधन रखने वाले राष्ट्रविरोधी हैं। इसी तरह के कानून के तहत अमेरिका ने स्विस
बैंक के अधिकारियों को देश विरोधी कृत्यों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर
लिया था, जिसके बाद स्विस सरकार के दानकारी देने पर उन्हें रिहा किया
गया। स्वामी ने जो चौथा तरीका सरकार को सुझाया है, उसमें संयुक्त राष्ट्र के
प्रस्ताव के आधार पर कानून बनाने की बात कही है।
इसके अनुसार सरकार को अधिकार है
कि वो एक अध्यादेश पास करे, जिसके तहत टैक्स हैवेन देशों या
सीक्रेट बैंकिंग की सुविधा वाले 90 देशों में जमा भारतीयों के धन
को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर दे और पूरे धन को वापस लाए। इस दौरान बातचीत में
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उनकी गणना के मुताबिक विदेशों में भारतीयों के 120 लाख करोड़ से अधिक का काला धन
मौजूद है।