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- 1825 दिन की सरकार के 365 दिन का हिसाब किताब..........
Posted by : achhiduniya
24 May 2015
भाजपा
सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के कामों
का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। वित्त मंत्री के संबोधन की कुछ खास
बातें काला धन देश से बाहर न जाए इसका पूरा इंतजाम किया जा रहा है। घरेलू काले धन
पर भी कानून लाया जा रहा है। दुनिया में मंदी के दौर में भी सरकार ने
इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम की रफ्तार को बढ़ाया है।
नीति आयोग के गठन से
संघीय प्रणाली को मजबूती मिली है और राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ी है। देश की विकास
दर बढ़ी है और ज्यादा बढऩे की उम्मीद है। राजकोषीय घाटा पहले 4.6 प्रतिशत था अब सिर्फ 4 प्रतिशत है। विदेशी
निवेश संवर्धन बोर्ड (एफ.आई.पी.बी.) के पास निवेश के 350 प्रस्ताव
आए और उनमें से अधिकांश प्रस्ताव अनुमोदित किए जा चुके हैं और कुछ प्रस्ताव अंतिम
चरण में हैं। किसानों की सबसिडी और एल.पी.जी. लीकेज में कमी आई है। भ्रष्टाचार के मामलो
मे किसी अधिकारी पर अभी तक कोई मामला उजागर नही हुआ । 16 रुके
हुए हाइवे की योजना फिर से शुरू की गई है। कंपनी एक्ट में सरलता लाने की कोशिश की
गई।
5.5 करोड़ छोटे उद्यमियों तक पहुंचेगा मुद्रा बैंक। 14वें वित्त कमीशन की सिफारिशों को लागू किया गया। आयकर को सरल बनाने के लिए
कहा और शीघ्र ही सरल रिटर्न फॉर्म जारी हो जाएगा। कृषि ऋण में बढ़ौतरी हुई है
लेकिन यह क्षेत्र अभी भी दबाव में है। कृषि क्षेत्र को उदार बनाने की पहल हो रही
है। मनरेगा को भी अतिरिक्त धन आबंटित किया गया। कोयला खदान नीलामी, स्पैक्ट्रम नीलामी के सारे विवाद खत्म किए गए। खनिज संसाधनों से भरपूर
राज्यों को नीलामी से आने वाले पैसे को राज्यों को ही सौंपा। इंश्योरैंस स्कीम से
गरीब आदमी को संकट के समय फायदा होगा, 9 मई से आज तक 7.5
करोड़ लोग इंश्योरैंस स्कीम से जुड़ चुके हैं। देश में 11 प्रतिशत लोग पैंशन लेते हैं, इसे बढ़ाने के लिए अटल
पैंशन योजना शुरू की।
इंकम टैक्स में 2 बार छूट दी, संघीय ढांचे को सरकार ने और मजबूत करने का काम किया है। डायरैक्ट टैक्स
में असमानता को खत्म किया। पहली बार टैक्स देने वाले लोगों की सरकार ने मदद की,
उनकी टैक्स स्लैब को भी कम किया और उनकी निवेश की क्षमता को बढ़ाया।
बैंकों पर दबाव कम हो रहा है, एन.पी.ए. भी 5.64 से घटकर 5.2 प्रतिशत पर आ गया है। सरकार के कामकाज
संभालने के बाद मात्र 6 महीने में विनिवेश से 24,277 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया गया, 50,000 करोड़ रुपए
से अधिक के विनिवेश पाइपलाइन में हैं।