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- भ्रष्टाचारियो की खैर नही..........
Posted by : achhiduniya
01 May 2015
भ्रष्टाचार को जघन्य अपराधों की श्रेणी में डालना भी..........
भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर
रहे अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई के मुकदमा चलाने को और कठिन बनाते हुए प्रस्तावित संशोधन
में जांच एजेंसी के लिए लोकपाल या लोकायुक्त से पूर्व अनुमति लिए जाने को अनिवार्य
बना दिया गया है।
उन्हें लोक सेवक द्वारा आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान की
गई अनुशंसाओं या फैसले से संबंधित अपराधों की जांच के लिए लोकपाल या लोकायुक्त से पूर्व
अनुमति लेने की आवश्यकता होगी। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम,
1988 में जिन नए
संशोधनों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी उनमें भ्रष्टाचार को
जघन्य अपराधों की श्रेणी में डालना भी शामिल है।
नए संशोधनों को शीघ्र ही राज्यसभा
में पेश किया जाएगा। इसमें रिश्वत देने वालों के लिए भी
कड़ी सजा का प्रावधान होगा, जो मौजूदा कानून में नहीं है। भ्रष्टाचार
के अपराध के लिए न्यूनतम सजा छह माह से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी गई है और अधिकतम सजा
पांच साल से बढ़ाकर सात साल तक के कारावास की सजा हो सकती
है।
सीबीआई और भ्रष्टाचार निरोधी अन्य इकाइयां नौकरशाहों का पीछा नहीं करें जब तक कि
यह नहीं पाया जाता है कि आधिकारिक क्षमता से किए गए फैसले से उन्हें व्यक्तिगत लाभ
हुआ है।