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- बाल विवाह मजबूरी या आज की जरूरत........
Posted by : achhiduniya
04 May 2015
आए दिन
टेलीविज़न के माध्यम से हम ऐसे धारावाहिक देखते है,जो महिलाओ पर हो रहे अत्याचार कि
कहानी और बाल विवाह के दवारा उन पर बड़ते दबाव को दर्शाते है। देश मे एक तरफ लड़कियो
कि हो रही कमी के चलते सरकार जहा लड़कियो के भविष्य को लेकर चिंतित है वही देश का
दुर्भाग्य है कि देश के कई हिस्सो मे बाल विवाह आज भी बदस्तूर जारी है। शायद इस पर
पूरी तरह रोक लगाना संभव नही।
बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों में 19 वर्ष की आयु की अधिकतर लड़कियों का विवाह हो जाता है। त्रिपुरा, मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा क्रमश: 49.6 फीसदी और 46.6 फीसदी है। भारत में शादी की औसत उम्र अब बढ़ रही है। 2001 की जनगणना में 15 से 19 वर्ष की आयु की 25 फीसदी लड़कियों की शादी हो जाती थी। 10 साल बाद यह आंकड़ा घटकर 20 फीसदी तक पहुंच गया है। 2001 की जनगणना में 20-24 वर्ष आयु वर्ग की 77 फीसदी लड़कियों की शादी हो जाती थी, वहीं 2011 में यह आंकड़ा घटकर 70 फीसदी तक पहुंच गया है।
ग्रामीण और शहरी भारत में स्पष्ट विभाजन भी दिखाता है। ग्रामीण भारत में 19 वर्ष की 47.3 प्रतिशत लड़कियों की शादी हो चुकी है वहीं शहरी भारत में यह आंकड़ा 29.2 प्रतिशत है। ज्यादातर राज्यों में यह 20 साल की लड़कियों की शादी हो जाती है। जनगणना के समय इस 1 करोड़ से ज्यादा लड़कियों में से 41 लाख से ज्यादा की या तो शादी हो चुकी थी या फिर वे तलाकशुदा, अलग रहने वाली या फिर विधवा हो चुकीं थीं।यह सभी सरकारी दस्तावेजो मे ही दर्ज होंगे अगर कुछ करना है तो
इसे रोकने का प्रयास जो आपको हमको मिलकर अपने स्तर पर करना होगा।