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- मैगी....मैगी....मैगी.....जाने मैगी के इतिहास की दर्द भरी कहानी.....
Posted by : achhiduniya
11 June 2015
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की पसंद बन
गयी मैगी के चर्चें आज सभी की जुबान पर हैं।समय के साथ-साथ भारतीयों की
जीवनशैली में भी बदलाव आने लगा। इससे उनके भोजन में शामिल चीजों में भी परिवर्तन
हुआ। फिर आया भारत में आर्थिक उदारीकरण का दौर 1991
उस समय
हमारे बाजारों के दरवाजे दूसरे देशों के लिए भी खुलने लगे तो बदलावों की गति तेज
हो गई। नेस्ले का एक बड़ा ब्रांड मैगी सन् 1947 में स्विट्जरलैंड की एक प्रसिद्ध कंपनी के
नेस्ले में विलय से बना, जो कि आज भी
नेस्ले के साथ बनी हुई है लेकिन अधिकतर
लोग नेस्ले को कम, मैगी को अधिक जानते हैं।
वास्तव में, औद्योगिक क्रांति के समय
स्विट्जरलैंड में स्त्रियों को दिन का अधिकतर समय फैक्ट्रियों में काम करके बिताना
पड़ता था। इसलिए वह खाना बनाने के लिए बहुत कम समय निकाल पाती थीं। ऐसे में, स्विस पब्लिक वेलफेयर सोसायटी
ने जूलियस मैगी की मदद लेने की ठानी।जूलियस मैगी को एक ऐसा शाकाहारी उत्पाद बनाने
को कहा जोकि पौष्टिक हो तथा उसे पकाने में भी अधिक समय न लगे। इसी जरूरत को ध्यान
में रख कर जूलियस ने सबसे पहले प्रोटीनयुक्त लेग्यूम आहार बाजार में उतारा। आगे चल
कर कंपनी ने सूप और नूडल्स जैसे उत्पाद भी लांच किए। सन् 1872 में स्विट्जरलैंड के एक उद्यमी
जूलियस मैगी द्वारा मैगी ब्रांड स्थापित किया गया था।
सबसे
पहले अस्सी के दशक में कॉफी, चाकलेट और मिल्क पाउडर के लिए
मशहूर नेस्ले ने जोखिम उठाते हुए एकदम नया उत्पाद मैगी नूडल्स उतारा। उस समय वह
वास्तव में केवल शहरी लोगों के लिए नाश्ते के विकल्प के रूप में आया था, यानि कामगार दंपत्तियों के लिए
जो खाना पकाने हेतु अधिक समय नहीं दे पाते थे।
आरंभ में
नेस्ले ने वही नूडल्स बाजार में उतारे जो दूसरे देशों में प्रचलित थे। यह बात ओर
है कि मैगी ने भारत में कोई ऐसा चमत्कार नहीं किया जो कभी अमेरिका में बर्गर के
लिए मैकडानल्डस और पिज्जा के लिए डोमिनोज ने किया था।
इसका बड़ा लाभ मैगी को मिला।
चूंकि 2 मिनट के टैग के साथ मैगी आधुनिक घर की रसोईघरों में राज
करने लगी। नेस्ले ने इसे और आगे बढ़ाने की ठानी और सुधार के लिए 1997 में मैगी नूडल्स को बनाने के
तरीके में बदलाव किया। नए नूडल्स को भारतीय उपभोक्ताओं ने पसन्द नहीं किया।
इसके
बाद मैगी की दो वर्ष तक बिक्री लगातार गिरी और अंततः 1999 में कंपनी को अपने पुराने
फार्मूले पर आना पड़ा। उसके बाद से मैगी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज स्थति आपके सामने है।