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- पुरूष के साथ सहमती से शारीरिक संबंध रेप नही.......
Posted by : achhiduniya
09 June 2015
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एसपी गर्ग ने अपने फैसले में कहा, यदि एक मेच्योर्ड महिला शादी के वादे के कारण
शारीरिक संबंध बनाने की सहमति दे और लंबे समय तक वह उसमें लिप्त हो तो वह गलत फहमी
या रेप की
शिकार नहीं मानी जा सकती।
इस मामले में अभियोजन पक्ष इस बात का साक्ष्य नहीं दे
पाया कि शादी का वादा कर संबंध बनाए गए और ऐसे में आरोपी को रेप के आरोप से बरी
किया जाता है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि एक महिला अपनी मर्जी से शादी के
वादे के चलते विवाहित पुरूष के साथ शारीरिक संबंध बनाती है और लंबे समय तक इस
रिश्ते में रहती है,तो वह गलत फहमी
या रेप की शिकार नहीं माना जाएगा। यह सहमति उसकी
स्वच्छंदता के दायरे में होगी।
कोर्ट ने कहा कि महिला का पति नहीं था और वह तीन
बच्चों की मां थी। उसने खुद अपनी मर्जी से संबंध बनाए। वह जानती थी कि उसके और
आरोपी के बीच क्या हो रहा है। इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि महिला इस बात से
अनजान थी कि उनके बीच क्या चल रहा है। वह सहमति का नतीजा भी जानती थी। इस दौरान वह
प्रेगनेट भी हो गई और उसने ग्रभपात भी करा लिया
था। शादी का वादा कर संबंध बनाए गए यह साबित नहीं होता।
गिटार टीचर को पिछले साल फरवरी में महिला की शिकायत के बाद
गिरफ्तार किया गया था।
अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया था कि 2011 में दोनों के बीच प्रेम हुआ। जनवरी 2013 में जयपुर यात्रा के दौरान दोनों ने विधि पूर्वक
शादी कर ली। दिल्ली वापिस आने के बाद उसे पता चला कि आरोपी शादीशुदा था।
वहीं टीचर
ने ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान सभी आरोपों का खंडन किया और कहा कि महिला को
उसके शादीशुदा होने की जानकारी थी। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक गिटार टीचर को 10 साल की सजा से बरी करते हुए दिया।