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- सीवेज के पानी को भी शुद्ध....? बायो-एंजाइम......
Posted by : achhiduniya
15 July 2015
सब्जियों के छिलकों आदि से बायो-एंजाइम बनाकर घर के फर्श शौचालय आदि की सफाई में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है और पानी को भी साफ किया जा सकता है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद की जा सकती है। बेंगलूर की संस्था ’सायल एंड सोलर इस दिशा में काम कर रही है और लोगों को घर में बायो-एंजाइम तैयार करके तरह तरह के कार्यों में उनके उपयोग की जानकारी दे रही है।
सायल एंड सोलर के द्वारा सब्जी व फलों के छिलकों से बायो-एंजाइम तैयार किये जा सकते हैं।जो जीवित माइक्रोब होते हैं और खाद्य चक्र को टूटने नहीं देते। हमारे यहां फर्श की साफ-सफाई के लिए हाथ साफ करने के लिए या पानी को साफ करने के लिए किटाणुओ को समाप्त करने की बात कही जाती है,लेकिन किटाणुओ को समाप्त करना सही उपाय नहीं है।इससे खाद्य चक्र टूट जाता है।
घर पर तैयार बायो-एंजाइम का इस्तेमाल घर के फर्श रसोई चिमनियों आदि की सफाई में किया जा सकता है और ये बायो-एंजाइम किटाणुओ को समाप्त नहीं करते बल्कि उन्हे खा लेते हैं और इससे खाद्य चक्र टूटता नहीं है। एक लीटर पानी में फल सब्जियों के अनुपयोगी 300 ग्राम छिलके और 100 ग्राम गुड़ डालकर बायो-एंजाइम तैयार किये जा सकते हैं। पहली बार इस मिश्रण को 90 दिन तक रखने पर बायो-एंजाइम तैयार होते हैं,लेकिन बाद में इसी अवशेष की मदद से एक महीने में ही इस उत्पाद को तैयार किया जा सकता है। इस तरह की प्रक्रिया से चेहरे पर लगाने वाली क्रीम कीटनाशक तरल साबुन आदि बनाने का भी दावा करती हैं।
पर्यावरण संरक्षण में भी मदद उनकी संस्था इस तरह के उत्पाद बनाती है और लोगों को इन्हे बनाने की प्रक्रिया भी सिखाती है।धीरे धीरे लोग बायो-एंजाइम के उपयोग को अपना रहे हैं। लोगों को सीधे इस तरह के उत्पाद बनाना सिखा देते हैं तो ऐसे उत्पादो को बनाने में इन्हे रखने वाले कंटेनर बनाने में और इनकी आवाजाही में खर्च होने वाली उर्जा या ईंधन बचने से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है। बायो-एंजाइम से सीवेज के पानी को भी शुद्ध किया जा सकता है।