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- आपके किसी परिचित से होती है रैगिंग तो.......करे हिम्मत और शिकायत.....जाने......?
Posted by : achhiduniya
20 December 2015
रैगिंग को आमतौर पर पुराने छात्रों द्वारा कॉलेज लाइफ में नए छात्रों के स्वागत का दोस्ताना तरीका माना जाता है। एक रूप में इसे नए छात्रों और पुराने छात्रों के बीच की दूरियों को पाटने का प्रयास भी माना जाता है, जो नए छात्रों को अपने वरिष्ठों (सीनियर्स) के साथ घुलने-मिलने और संवाद कायम करने का मौका देता है। हालांकि बीते कुछ वर्षों में सामने आए कई मामलों ने इसे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के माध्यम के रूप में कुख्यात कर दिया है।कॉलेज लाइफ का हिस्सा बनने से जुड़ी अनुभूति बेहद खास होती है। इस अहसास को शब्दों में बयां करना काफी मुश्किल है। हर छात्र में कॉलेज के पहले दिन को लेकर एक उत्साह होता है।
लेकिन इसके साथ ही छात्रों के मन में रैगिंग से जुड़ा एक डर भी होता है। इसकी वजह रैगिंग से जुड़ी वे घृणित और अमानवीय घटनाएं होती हैं, जिनकी सूचना उन्हें अखबारों, समाचार चैनलों या अपने दोस्तों से मिली होती है। एक बात हमेशा ध्यान में रखिए कि किसी कार्य को करने के लिए कोई भी आपको मजबूर नहीं कर सकता है। इसी तरह किसी की बात पसंद न आने पर आपको उस जगह से जाने से भी कोई नहीं रोक सकता है। अगर कोई आपकी इच्छा के विरुद्ध आपको जबरदस्ती कुछ करने के लिए मजबूर करता है, तो चुप मत रहिए, तत्काल अपने कॉलेज प्रशासन को अपने साथ हुए व्यवहार की शिकायत कीजिए। हर कॉलेज के परिसर में एक एंटी-रैगिंग स्क्वाड होता है, जो गलत ढंग से छात्रों के साथ की जाने वाली रैगिंग पर नजर रखने और दोषियों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार होता है। ऐसी स्थिति में आप कॉलेज प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए हेल्पलाइन नंबरों पर भी मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं।
अगर कोई आपके साथ मारपीट करता है, तो खुद मारपीट में उलझने की बजाए इस स्थिति से खुद को बचाने के लिए वहां से भागने की कोशिश करें। फिर कॉलेज के शिक्षकों या प्रशासनिक अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित करके मदद मांगें। सभी के साथ सहज व्यवहार करें और खुद को कहीं से भी डरा हुआ या अजनबी महसूस न होने दें। इसी के साथ यह भी जरूरी है कि आप खुद को अतिआत्मविश्वासी और ज्यादा तेज भी न दिखाएं। कॉलेज में किसी परिचित (दोस्त, रिश्तेदार या कोई करीबी व्यक्ति) को तलाशने की कोशिश करें, जो कॉलेज के माहौल में ढलने में आपकी मदद कर सके। लोगों और अपने सहपाठियों के साथ बात करने में सावधानी बरतें। कोई ऐसी बात न करें, जो तार्किक रूप से गलत हो मसलन किसी शहर, धर्म या जाति आदि से संबंधित लोगों को तुच्छ बताना। इसी तरह बातचीत के क्रम में शब्दों के इस्तेमाल पर भी खास ध्यान दें, क्योंकि बिना किसी दुर्भावना के कही गई सामान्य से सामान्य बात को भी लोगों द्वारा तोड़-मरोड़कर गलत अर्थों में पेश किया जा सकता है।

अगर कभी गलती से आप ऐसी किसी स्थिति में फंस जाएं, तो लोगों के बीच आपसी संवाद को बढ़कर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश करें। दाखिला लेने से पहले कॉलेज के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करें। अगर उसमें रैगिंग से जुड़े मामलों की ज्यादा संख्या के बारे में पता चले, तो किसी और कॉलेज में प्रवेश लेने के विकल्प के बारे में भी सोचें। अपने अभिभावकों को सूचित करें। यह मत सोचें कि जो हुआ वह चलता रहता है और उसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।कॉलेज में शिकायत करें। अपने दोस्तों को अपने साथ हुई घटना के बारे में बताएं।
खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। [साभार H.L.] फोन : 18001805522 ई-मेल: www.amanmovement.org