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- पति और पत्नी पर होता है एक दूसरे के अवसाद का असर......रिसर्च
Posted by : achhiduniya
14 May 2016
हर किसी पर चाहे वह आदमी हो या औरत कमजोरी
और अवसाद का असर होता हैं, लेकिन यह दंपतियों के बीच के रिश्ते से किस तरह जुड़ा हुआ है।इसे अधिक
जानने की कोशिश नहीं की गई है।लेकिन इस पर कई प्रकार के रिसर्च व अध्यन किए गए
जिससे यह बात खुल कर सामने आई की उम्रदराज महिला या पुरुष में कमजोरी जितनी अधिक
होगी, उतना वे अवसाद ग्रस्त अधिक होंगे। साथ ही साथ जितना
अधिक अवसाद होगा, उतनी ही अधिक कमजोरी होगी। जर्नल ऑफ
अमेरिकन गेरिएट्रिक्स सोसायटी में प्रकाशित अध्ययन में शादीशुदा लोगों पर कमजोरी
और अवसाद के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। रिसर्च मे यह भी गया कि बूढ़े लोगों
में कमजोरी और अवसाद का एक बड़ा कारण उनका जीवनसाथी होता है।
दंपतियों के मामले में कमजोरी और अवसाद एक दूसरे से जुड़े हुए हो सकते हैं, इससे यह माना जा सकता है कि दंपतियों में सक्रियता बढ़ाने, सामाजिकता बढ़ाने और आपसी सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। क्योकि 55 वर्ष या इससे अधिक उम्र के 20 फीसदी लोगों में कमजोरी (फ्रेल्टी) की समस्या देखी जाती है।अधिक उम्र वाले पति कम उम्र वाले पति की तुलना में अधिक अवसाद ग्रस्त और कमजोर होते हैं,लेकिन अधिक उम्र वाली पत्नी कम उम्र वाली पत्नी से अधिक अवसादग्रस्त नहीं होती है। अधिक कमजोर जरूर होती है।
दंपतियों के मामले में कमजोरी और अवसाद एक दूसरे से जुड़े हुए हो सकते हैं, इससे यह माना जा सकता है कि दंपतियों में सक्रियता बढ़ाने, सामाजिकता बढ़ाने और आपसी सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। क्योकि 55 वर्ष या इससे अधिक उम्र के 20 फीसदी लोगों में कमजोरी (फ्रेल्टी) की समस्या देखी जाती है।अधिक उम्र वाले पति कम उम्र वाले पति की तुलना में अधिक अवसाद ग्रस्त और कमजोर होते हैं,लेकिन अधिक उम्र वाली पत्नी कम उम्र वाली पत्नी से अधिक अवसादग्रस्त नहीं होती है। अधिक कमजोर जरूर होती है।