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- भारतीय महिला फर्राटा धाविका दुतीचंद रियो ओलंपिक में 100 मीटर दौड़ के लिए क्वालिफाई.......
Posted by : achhiduniya
26 June 2016
ओडिशा के बुनकर दंपत्ति की बेटी दुती चंद ने
आलोचकों को गलत साबित करते हुए भारतीय एथलीट दुती ने 100 मीटर की दौड़ के लिए रियो
ओलिंपिक में स्थान बना लिया है। भारतीय
महिला फर्राटा धाविका दुतीचंद ने रियो ओलंपिक में 100 मीटर दौड़ के लिए क्वालिफाई कर लिया। कजाखस्तान के अलमाटी में 26वें जे कोसनोव मेमोरियल मीट में उन्होंने ओलंपिक में जगह बनाने के साथ खुद
के राष्ट्रीय रिकॉर्ड में भी सुधार किया। बीस वर्षीय दुती ने कजाखस्तान की
प्रतियोगिता में महिलाओं की 100 मीटर दौड़ 11.30 सेकेंड में पूरी की और इस तरह से रियो ओलंपिक में अपनी जगह पक्की की। रियो
ओलंपिक के लिए क्वालिफाइंग मार्क 11.32 सेकेंड था। अपने इस प्रयास के दौरान ओडिशा की एथलीट दुती ने
11.33 सेकेंड का खुद का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ा जो
उन्होंने अप्रैल में फेडरेशन कप राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बनाया था। वह रियो खेलों
के लिए क्वालिफाई करने वाली भारत की 20वीं ट्रैक एवं फील्ड
एथलीट हैं।
दुती 100 मीटर क्वालिफिकेशन प्रणाली लागू किए जाने के बाद इस स्पर्धा में क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। बड़ी बात यह है कि 1980 में पीटी उषा के बाद 100 मीटर की रेस के लिए ओलिंपिक्स में पहुंचने वाली दुती पहली भारतीय महिला एथलीट है। महान पी.टी. ऊषा ओलंपिक 100 मीटर में भाग लेनेवाली आखिरी भारतीय महिला एथलीट थी। उन्होंने मास्को ओलंपिक 1980 में हिस्सा लिया था, लेकिन तब क्वालिफिकेशन प्रणाली नहीं थी। ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बाद दुती ने कहा, मैं रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करके वास्तव में खुश हूं। यह मेरे लिए मुश्किल साल रहा. मेरी और मेरे कोच (एन. रमेश) की कड़ी मेहनत आखिर में रंग लाई।
दुती 100 मीटर क्वालिफिकेशन प्रणाली लागू किए जाने के बाद इस स्पर्धा में क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। बड़ी बात यह है कि 1980 में पीटी उषा के बाद 100 मीटर की रेस के लिए ओलिंपिक्स में पहुंचने वाली दुती पहली भारतीय महिला एथलीट है। महान पी.टी. ऊषा ओलंपिक 100 मीटर में भाग लेनेवाली आखिरी भारतीय महिला एथलीट थी। उन्होंने मास्को ओलंपिक 1980 में हिस्सा लिया था, लेकिन तब क्वालिफिकेशन प्रणाली नहीं थी। ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बाद दुती ने कहा, मैं रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करके वास्तव में खुश हूं। यह मेरे लिए मुश्किल साल रहा. मेरी और मेरे कोच (एन. रमेश) की कड़ी मेहनत आखिर में रंग लाई।