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- दूसरे के जीवन में दखलंदाजी आपका अवगुण बन जाती है...........
Posted by : achhiduniya
23 June 2016
बहुत से लोग दूसरों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी रखना शान की बात समझते हैं। मनुष्य एक जिज्ञासु प्रवृत्ति का प्राणी है किंतु अपनी जिज्ञासा को केवल ज्ञान-विज्ञान जैसे विषय में ही लगाए रखें तो उचित है। जब यह जिज्ञासा दूसरे के जीवन में दखलंदाजी करने लगती है तो यह अवगुण बन जाती है। लगभग सभी के पडोस में एक पुरुष या महिला रहती है जब भी हम उन्हें बाहर दिखाई देते हैं वे बात करने पास आ जाते-जाती हैं। घर के एक-एक सदस्य की कुरेद-कुरेद कर जानकारी लेती हैं। कौन आया था? कहीं रिश्ता पक्का हो गया क्या? तुम लोग कहां जा रहे हो...? जैसे न जाने कितने सवाल वे एक बार में पूछ डालती हैं। हमारे घर के ही नहीं अपितु कॉलोनी के अन्य घरों के विषय में भी वे अच्छी खासी जानकारी रखती हैं।
ऐसी आदत वाली वह अकेली महिला नहीं हैं। वह महिला –पुरुष भले ही स्वयं को ज्यादा बुद्धिमान समझे किंतु वह सबके बीच स्वयं को हंसी का पात्र बना लेती है। सलाह-मशविरा जहां आवश्यकता हो वहीं देना चाहिए। यदि सामने वाला व्यक्ति स्वयं अपने बारे में बता रहा है तो ठीक वरना जहां तक हो सके उसके निजी जीवन में ज्यादा दखल नहीं करना चाहिए। यदि आप बात करना ही चाहती हैं तो बहुत से विषय हैं:- जैसे सामाजिक, आर्थिक आदि जिन पर चर्चा करके आप अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।