- Back to Home »
- Knowledge / Science »
- नहीं रोना भी सेहत के लिए हानिकारक........
Posted by : achhiduniya
27 June 2016
पशु-पक्षी हो जानवर या इंसान रूपी प्राणी हर किसी को
किसी के गम मे आँसू बहाते आपने कई बार देखा होगा। लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि
पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा रोती हैं। सदमे में रहने वाले लोग ज्यादा
रोते पाए जाते हैं। रोना, दुखी होने
का लक्षण है। क्रोध और गुस्सा दिखाए जाने पर लोग रोने लगते हैं।ज्यादा मात्रा में
रोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है लेकिन कभी भी नहीं रोना भी सेहत के लिए
ठीक नहीं होता। जब हम घर पर अकेले होते हैं अथवा अपने प्रियजनों से दूर होते हैं
तो अक्सर रोने लगते हैं। प्रेमी से रिश्ता टूटने और प्रेम में पड़ने पर भी हमारी
आंखों से आंसू निकलते हैं।
जिस व्यक्ति से हम भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं उसके दूर जाने या उसके निधन पर हम रोते हैं। डरने, घायल होने और ज्यादा खुश होने पर हम रोते हैं। रोना भले ही किसी को पसंद न हो लेकिन प्यार और दुख के ऐसे कई मौके आते हैं जब लोगों की आंखों से आंसू निकलने लगते हैं। आंसुओं का संबंध हमारी मनोदशा से होता है।रोने के कई फायदे भी हैं। जब आप रोते हैं कि इसके जरिए आपके शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। थोड़े समय के लिए रोना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। आप तनाव से मुक्त और अच्छा महसूस कर सकते हैं। रोने के दौरान आईबॉल्स और आईलीड्स में तरलता आती है।सामान्य तौर पर हम दुख को महसूस करके अपने भावनात्म लगाव को जाहीर करके आंसू बहाते हैं।
जिस व्यक्ति से हम भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं उसके दूर जाने या उसके निधन पर हम रोते हैं। डरने, घायल होने और ज्यादा खुश होने पर हम रोते हैं। रोना भले ही किसी को पसंद न हो लेकिन प्यार और दुख के ऐसे कई मौके आते हैं जब लोगों की आंखों से आंसू निकलने लगते हैं। आंसुओं का संबंध हमारी मनोदशा से होता है।रोने के कई फायदे भी हैं। जब आप रोते हैं कि इसके जरिए आपके शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। थोड़े समय के लिए रोना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। आप तनाव से मुक्त और अच्छा महसूस कर सकते हैं। रोने के दौरान आईबॉल्स और आईलीड्स में तरलता आती है।सामान्य तौर पर हम दुख को महसूस करके अपने भावनात्म लगाव को जाहीर करके आंसू बहाते हैं।