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- जिले में 1480 पानी की टंकिया को एक बार भी स्वच्छ नहीं किया गया........ 718 गांवों का पानी अच्छा नहीं....
जिले में 1480 पानी की टंकिया को एक बार भी स्वच्छ नहीं किया गया........ 718 गांवों का पानी अच्छा नहीं....
Posted by : achhiduniya
28 June 2016
पानी गुणवत्ता नियंत्रण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए पालक मंत्री चंद्रशेखर
बावनकुले ने जिला परिषद को निर्देश दिए हैं कि जलापूर्ति के संबंध में प्रत्येक गांव
की विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। उन्होंने कहा कि इस रपट में पानी की गुणवत्ता, पानी के स्रोतों की संख्या और दूषित स्रोतों की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए।
जिले के 1772 गांवों का सर्वेक्षण किया गया है। इसमें 350 गांवों में फ्लोराइडयुक्त
पानी पाया गया है। 718 गांवों के पानी की गुणवत्ता अच्छी नहीं
होने की पुष्टि हुई है। यह काम एडीसीसी नामक
कंपनी को दिया गया है। लेकिन जिला परिषद सदस्यों को कंपनी के काम की जानकारी नहीं है।
काम का कोई बुकलेट नहीं है। सिर्फ ऑनलाइन रिकार्ड
पेश किया गया है। गांव वार कोई रिपोर्ट नहीं है। तहसील वार रिपोर्ट बनाई जाने से जिला परिषद मशीनरी के गांवों तक पहुंचने
पर संदेह है। विगत वर्ष पांच अक्तूबर को इसके संदर्भ में सरकार का एक जीआर जारी किया
गया है। लेकिन जिला परिषद सभागृह में पहुंचा ही नहीं है।
इसकी वजह से जि.प. सदस्यों को उसकी जानकारी नहीं है। जिले में कुल पानी के कुल 3655 नमूने एकत्रित किए गए। इसमें 2752 नमूनों में विभिन्न केमिकल के होने की जानकारी बैठक में दी गई। संपूर्ण गांवों की रिपोर्ट पेश करने में दो साल की अवधि लगने की संभावना जताई गई है। जलापूर्ति नल योजना की जिले में 1480 पानी की टंकिया हैं. इन टंकियों को एक बार भी स्वच्छ नहीं किया गया है। नई तकनीक से टंकी तीन दिन में बनाई जाती है और पुरानी टंकी स्वच्छ भी की जा सकती है। पालकमंत्री ने निर्देश दिए कि नई तकनीक के सहारे सभी टंकियों को स्वच्छ किया जाए। इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष निशा सावरकर, विधायक डॉ. मिलिंद माने, सुधीर पारवे, शिक्षा सभापति उकेश चव्हाण, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कादंबरी भगत और अन्य उपस्थित थे।
इसकी वजह से जि.प. सदस्यों को उसकी जानकारी नहीं है। जिले में कुल पानी के कुल 3655 नमूने एकत्रित किए गए। इसमें 2752 नमूनों में विभिन्न केमिकल के होने की जानकारी बैठक में दी गई। संपूर्ण गांवों की रिपोर्ट पेश करने में दो साल की अवधि लगने की संभावना जताई गई है। जलापूर्ति नल योजना की जिले में 1480 पानी की टंकिया हैं. इन टंकियों को एक बार भी स्वच्छ नहीं किया गया है। नई तकनीक से टंकी तीन दिन में बनाई जाती है और पुरानी टंकी स्वच्छ भी की जा सकती है। पालकमंत्री ने निर्देश दिए कि नई तकनीक के सहारे सभी टंकियों को स्वच्छ किया जाए। इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष निशा सावरकर, विधायक डॉ. मिलिंद माने, सुधीर पारवे, शिक्षा सभापति उकेश चव्हाण, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कादंबरी भगत और अन्य उपस्थित थे।