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- आपका सच्चा मित्र आपका पड़ोसी....
Posted by : achhiduniya
11 July 2016
आपसे
मतलब निकालने वाले मित्र तो बहुत मिल जाएंगे लेकिन जो समय पर आपके काम आए वही
सच्चा मित्र होता है। आप मित्र बदल सकते हैं मगर अपने पड़ोसी को नहीं। यदि यही बात
है तो आप को अपने पड़ोसी के साथ बहुत अच्छे संबंध रखने के लिए पहल करनी चाहिए।
क्योकि तकलीफ में, मुसीबत में, बीमारी
में, दुर्घटना हो जाने पर, अचानक
सुख-दुख होने पर आपके मित्र, आपके रिश्तेदार, आपके परिजन बाद में पहुंचेंगे, सबसे पहले यदि कोई आ
सकता है तो वह आपका पड़ोसी ही होगा।
अच्छे पड़ोसी सौहाद्र्रपूर्ण होते हैं। जैसा मददगार, शुभचिंतक, समय पर काम आने वाला पड़ोसी चाहिए, वैसे होते हैं। आप दोनों परिवारों की आपस में अच्छी बनती है। अच्छी निभती है। एक दूसरे का सदा भला सोचते हैं। भला करते हैं।
दोनों में से किसी पर कोई समस्या बन पड़े मिलकर सुलझा लेते हैं। यदि कोई असहमति की बात होने लगे, कहीं गलतफहमी के आसार बनें, आपके पड़ोसी तो हैं ही देरी नहीं करते। इसे बात को एकदम स्पष्ट कर देते हैं। जो दरार आ सकती थी, उसे नहीं आने देते। दोनों परिवार पूरी सूझबूझ से काम लेकर, कभी अपने तौर पर, हानि उठाकर भी संबंधों को मीठा बनाए रखते हैं यह बहुत अच्छी बात है। ऐसे ही पड़ोसी होने की कामना की जाती है।
ऐसे ही पड़ोसी दुख में, रोग में, जरूरत में, स्वयं बेआराम रहकर भी काम आते हैं तथा अहसान नहीं जताते। उसी प्रकार दूसरे पड़ोसी जो इसमें संबंध कम सामान्य होते हैं। थोड़ा तनाव भी रहता है,दिखावा भी नहीं कर पाते बोलचाल में अंदर से नाखुश रहते हैं आप दोनों। दूर का, गलीवाला कोई देखे तो जरूर लगेगा कि आपके संबंध सामान्य हैं। मगर आप दोनों परिवार एक दूसरे के लिए शुभ नहीं मांगते। अच्छा-अच्छा नहीं सोचते।
फिर भी संबंध बेहतर होने की आपके परिवारों को उम्मीद रहती है। आज नहीं तो कल, शायद संबंध अच्छे हो जाएं। आपको चाहिए कि अपनी गलतफहमियां दूर करें। साथ बैठें गिले-शिकवे सामने रखें। अपने विचार उन्हें बताएं,उनके विचार सुनें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि आपके संबंध ठीक या बहुत ठीक न हो सकें। बस कोशिश की जरूरत है। आप अच्छे पड़ोसी बन सकते हैं। यह बात आप दोनों के हित में होगी। आइए जानते है तीसरे प्रकार के पड़ोसियो के बारे मे आपके संबंध अपने पड़ोसी परिवार के साथ काफी खराब हैं। वह आपसे आंखें चुराता है। आप उससे दूर रहना चाहते हैं।
एक दूसरे की गतिविधियों पर नजर रखते हुए इन्हें पसंद नहीं करते। यदि आपकी कहासुनी नहीं हुई, आवाजें नहीं कसी, आंगन या बरामदे में खड़े होकर एक दूसरे को बुरा-भला नहीं कहा, लांछन नहीं लगाए तो ऐसा समय दूर नहीं जब आप दोनों परिवार एक दूसरे पर छींटाकशी करेंगे तथा पूरी गली तमाशा देखेगी। ये रिश्ते थर्ड क्लास होंगे। बहुत बुरे माने जाते हैं। इनसे बचें। सुधार लाने की कोशिश करें। बहुत अच्छे नहीं बना सकते तो अच्छे बनाने का प्रयत्न करें।वरना जीना दूभर सा हो जाएगा। आप अकेले पड़ जाएंगे और कोई भी बाहरी व्यक्ती आप पर आपके परिवार पर हमला कर सकता है। आप को नुकसान पहुंचा सकता है।
अच्छे पड़ोसी सौहाद्र्रपूर्ण होते हैं। जैसा मददगार, शुभचिंतक, समय पर काम आने वाला पड़ोसी चाहिए, वैसे होते हैं। आप दोनों परिवारों की आपस में अच्छी बनती है। अच्छी निभती है। एक दूसरे का सदा भला सोचते हैं। भला करते हैं।
दोनों में से किसी पर कोई समस्या बन पड़े मिलकर सुलझा लेते हैं। यदि कोई असहमति की बात होने लगे, कहीं गलतफहमी के आसार बनें, आपके पड़ोसी तो हैं ही देरी नहीं करते। इसे बात को एकदम स्पष्ट कर देते हैं। जो दरार आ सकती थी, उसे नहीं आने देते। दोनों परिवार पूरी सूझबूझ से काम लेकर, कभी अपने तौर पर, हानि उठाकर भी संबंधों को मीठा बनाए रखते हैं यह बहुत अच्छी बात है। ऐसे ही पड़ोसी होने की कामना की जाती है।
ऐसे ही पड़ोसी दुख में, रोग में, जरूरत में, स्वयं बेआराम रहकर भी काम आते हैं तथा अहसान नहीं जताते। उसी प्रकार दूसरे पड़ोसी जो इसमें संबंध कम सामान्य होते हैं। थोड़ा तनाव भी रहता है,दिखावा भी नहीं कर पाते बोलचाल में अंदर से नाखुश रहते हैं आप दोनों। दूर का, गलीवाला कोई देखे तो जरूर लगेगा कि आपके संबंध सामान्य हैं। मगर आप दोनों परिवार एक दूसरे के लिए शुभ नहीं मांगते। अच्छा-अच्छा नहीं सोचते।
फिर भी संबंध बेहतर होने की आपके परिवारों को उम्मीद रहती है। आज नहीं तो कल, शायद संबंध अच्छे हो जाएं। आपको चाहिए कि अपनी गलतफहमियां दूर करें। साथ बैठें गिले-शिकवे सामने रखें। अपने विचार उन्हें बताएं,उनके विचार सुनें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि आपके संबंध ठीक या बहुत ठीक न हो सकें। बस कोशिश की जरूरत है। आप अच्छे पड़ोसी बन सकते हैं। यह बात आप दोनों के हित में होगी। आइए जानते है तीसरे प्रकार के पड़ोसियो के बारे मे आपके संबंध अपने पड़ोसी परिवार के साथ काफी खराब हैं। वह आपसे आंखें चुराता है। आप उससे दूर रहना चाहते हैं।
एक दूसरे की गतिविधियों पर नजर रखते हुए इन्हें पसंद नहीं करते। यदि आपकी कहासुनी नहीं हुई, आवाजें नहीं कसी, आंगन या बरामदे में खड़े होकर एक दूसरे को बुरा-भला नहीं कहा, लांछन नहीं लगाए तो ऐसा समय दूर नहीं जब आप दोनों परिवार एक दूसरे पर छींटाकशी करेंगे तथा पूरी गली तमाशा देखेगी। ये रिश्ते थर्ड क्लास होंगे। बहुत बुरे माने जाते हैं। इनसे बचें। सुधार लाने की कोशिश करें। बहुत अच्छे नहीं बना सकते तो अच्छे बनाने का प्रयत्न करें।वरना जीना दूभर सा हो जाएगा। आप अकेले पड़ जाएंगे और कोई भी बाहरी व्यक्ती आप पर आपके परिवार पर हमला कर सकता है। आप को नुकसान पहुंचा सकता है।