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- GST यानी गब्बर सिंह टैक्स..... राहुल गांधी
Posted by : achhiduniya
23 October 2017
चुनाव आते ही आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर होने लगती
है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गांधीनगर में जनादेश रैली के दौरान केंद्र और
राज्य सरकार पर जमकर प्रहार किया। राहुल गांधी ने नोटबंदी, जीएसटी को केंद्र सरकार की विफलता बताया। राहुल
गांधी ने जीएसटी को गुड्स एंड सर्विस टैक्स नहीं बल्कि गब्बर सिंह टैक्स बताया। जीएसटी
लागू होने के बाद गुजरात के व्यापारी वर्ग ने सरकार के खिलाफ कई दिनों तक प्रदर्शन
किया था। राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी नोटबंदी के दौरान किया गया उनका वादा याद
दिलाया। राहुल ने कहा, पीएम मोदी ने नोटबंदी के दौरान कहा था
कि अगर नोटबंदी फेल हो जाती है तो मुझे किसी चौराहे पर फांसी दे देना। नोटबंदी कर सरकार ने पूरे देश का पैसा जब्त किया।
नोटबंदी लागू कर मोदी जी ने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी, उन्हें खुद नहीं समझ आया क्या हुआ. कुछ दिनों बाद उन्हें इसका एहसास हुआ।
राहुल ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह को लेकर भी पीएम पर करारा जुबानी हमला किया। किसानों के मुद्दे पर राहुल गांधी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। सरकार ने नैनो बनाने के लिए एक कंपनी को 35 हजार करोड़ रुपए दिए। सरकार देश में गरीब किसानों का नहीं, सिर्फ अमीरों का कर्ज माफ कर रही है। सरकार ने बड़े कारोबारियों के करोड़ों रुपए के कर्ज माफ कर दिए। सरकार ने किसानों की आवाज नहीं सुनी, कहां गए 35 हजार करोड़ रुपए ? इतनी रकम में गुजरात के किसानों का कर्ज माफ हो जाता। यह सरकार किसानों की नहीं बल्कि उद्योगपतियों के हितों के बारे में सोचती है। पिछले 22 सालों से गुजरात की जनता की सरकार नहीं, बस 5-6 उद्योगपतियों की सरकार चल रही है। गुजरात की सभी यूनिवर्सिटीज़ पर चंद उद्योगपतियों का ही कब्जा है।
राहुल ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह को लेकर भी पीएम पर करारा जुबानी हमला किया। किसानों के मुद्दे पर राहुल गांधी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। सरकार ने नैनो बनाने के लिए एक कंपनी को 35 हजार करोड़ रुपए दिए। सरकार देश में गरीब किसानों का नहीं, सिर्फ अमीरों का कर्ज माफ कर रही है। सरकार ने बड़े कारोबारियों के करोड़ों रुपए के कर्ज माफ कर दिए। सरकार ने किसानों की आवाज नहीं सुनी, कहां गए 35 हजार करोड़ रुपए ? इतनी रकम में गुजरात के किसानों का कर्ज माफ हो जाता। यह सरकार किसानों की नहीं बल्कि उद्योगपतियों के हितों के बारे में सोचती है। पिछले 22 सालों से गुजरात की जनता की सरकार नहीं, बस 5-6 उद्योगपतियों की सरकार चल रही है। गुजरात की सभी यूनिवर्सिटीज़ पर चंद उद्योगपतियों का ही कब्जा है।