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- किसानों की मांगो के आगे देवेंद्र फडणवीस सरकार बैक फुट पर....
Posted by : achhiduniya
12 March 2018
अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) द्वारा पिछले छह दिनों से चल रहा किसानों का मार्च और आंदोलन सरकार द्वार अधिकतर मांगे माने जाने के बाद समाप्त हो गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के मुद्दे के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक है। किसानों के लंबे मार्च पर विधानसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, इसमें हिस्सा लेने वाले करीब 90 ऐ 95 फीसदी लोग गरीब आदिवासी हैं। वे वन भूमि पर अधिकार के लिए लड़ रहे हैं। वे भूमिहीन हैं और खेती नहीं कर सकते। सरकार उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक है। फडणवीस ने विधानसभा में किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद सरकार ने मांगों पर लिखित भरोसा देने की बात कही। विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, कृषि उपयोग में लाई जाने वाली वन भूमि आदिवासियों और किसानों को सौंपने के लिए हम समिति बनाने पर सहमत हो गए हैं।
बशर्ते वे 2005 से पहले जमीन पर कृषि करने के सबूत मुहैया कराएं। हमने उनकी लगभग सभी मांगें मान ली हैं। ऑल इंडिया किसान सभा के इस मोर्चे में ज्यादातर आदिवासी किसान शामिल हुए। इनकी मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के अलावा किसानों को संपूर्ण कर्ज माफी, प्रमुख जिंसों के डेढ़ गुना मूल्य देना, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त होने की स्थिति में प्रति एकड़ 40 हजार रुपये तक मुआवजा देने जैसी मांगें शामिल थीं। उन्होंने कहा कि किसानों की करीब 12-13 मांगें थीं। जिनमें से ज्यादातर पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। वनभूमि संबंधित मामले में मुख्यमंत्री ने 6 महीने में हल निकालने के निर्देश दिए हैं।

