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- बहुत ही खास है ईश्वरीय निर्मित शारीरिक संरचना जाने रोचक जानकारी....?
Posted by : achhiduniya
25 April 2018
ईश्वर का बनाया इंसान तो अनमोल है ही लेकिन बहुत ही खास है ईश्वरीय निर्मित शारीरिक संरचना:- हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं, हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती। फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे। हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। हर वक्त शरीर में 2500 अरब रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं, एक बूंद खून में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं। इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है। हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सेकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है।
एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है। साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है। दिल का पम्पिंग प्रेशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है। इंसान की आंख एक करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है। फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके। हमारी नाक में प्राकृतिक एयर कंडीशनर होता है। यह गर्म हवा को ठंडा और ठंडी हवा को गर्म कर फेफड़ों तक पहुंचाता है। तंत्रिका तंत्र 400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से शरीर के बाकी हिस्सों तक जरूरी निर्देश पहुंचाता है। इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब से ज्यादा तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं।
शरीर में 70 फीसदी पानी होता है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में कार्बन, जिंक, कोबाल्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, निकिल और सिलिकॉन होता है। छींकते समय बाहर निकलने वाली हवा की रफ्तार 166 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। आंखें खोलकर छींक मारना नामुमकिन है। इंसान के वजन का 10 फीसदी हिस्सा, शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से होता है. एक वर्ग इंच त्वचा में 3.2 करोड़ बैक्टीरिया होते हैं। आंखें बचपन में ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. बाद में उनमें कोई विकास नहीं होता. वहीं नाक और कान पूरी जिंदगी विकसित होते रहते हैं। कान लाखों आवाजों में अंतर पहचान सकते हैं। कान 1,000 से 50,000 हर्ट्ज के बीच की ध्वनि तरंगे सुनते हैं। इंसान के दांत चट्टान की तरह मजबूत होते हैं,लेकिन शरीर के दूसरे हिस्से अपनी मरम्मत खुद कर लेते हैं, वहीं दांत बीमार होने पर खुद को दुरुस्त नहीं कर पाते। इंसान के मुंह में हर दिन 1.7 लीटर लार बनती है।
लार खाने को पचाने के साथ ही जीभ में मौजूद 10,000 से ज्यादा स्वाद ग्रंथियों को नम बनाए रखती है। वैज्ञानिकों को लगता है कि पलकें आंखों से पसीना बाहर निकालने और उनमें नमी बनाए रखने के लिए झपकती है। महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी बार पलके झपकती हैं। अंगूठे का नाखून सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है। वहीं मध्यमा या मिडिल फिंगर का नाखून सबसे तेजी से बढ़ता है। पुरुषों में दाढ़ी के बाल सबसे तेजी से बढ़ते हैं। अगर कोई शख्स पूरी जिंदगी शेविंग न करे तो दाढ़ी 30 फुट लंबी हो सकती है। एक इंसान आम तौर पर जिंदगी के पांच साल खाना खाने में गुजार देता है। हम ताउम्र अपने वजन से 7,000 गुना ज्यादा भोजन खा चुके होते हैं। एक स्वस्थ इंसान के सिर से हर दिन 80 बाल झड़ते हैं।
इंसान दुनिया में आने से पहले ही यानी मां के गर्भ में ही सपने देखना शुरू कर देता है. बच्चे का विकास वसंत में तेजी से होता है। नींद के दौरान इंसान की ऊर्जा जलती है , दिमाग अहम सूचनाओं को स्टोर करता है. शरीर को आराम मिलता है और रिपेयरिंग का काम भी होता है. नींद के ही दौरान शारीरिक विकास के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स निकलते हैं।




