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- इंटरनेट ब्लूटूथ व राउटर से निकलने वाली रेडिएशन तरंगे कितनी खतरनाक....
Posted by : achhiduniya
25 May 2018
आजकल एसी, स्मार्ट टीवी, इंटरनेट, लैपटॉप, कंप्यूटर सिस्टम हर इलेकट्रानिक अपलाइंसेस वाईफाई या ब्लूटूथ से ऑपरेट या कंट्रोल होते हैं. एनपीएल ने इसकी रेडिएशन रेंज की टेस्टिंग की तो पाया कि एक मीटर में ये 15-17 वॉल्ट रेडिएशन छोड़ता है जबकि एक मोबाइल टावर 19 वॉल्ट का रेडिएशन छोड़ता है। घर मे सभी तरह के कम्यूनिकेशन वाले इलेक्ट्रॉनिक अपलाइंसेस चलते हैं, उनकी तरगें कितनी खतरनाक होती हैं। इन तरंगों से हमारे मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है।
हमारे टिश्यू गर्म होते हैं और एक निश्चित समय पर वो बाकी अंगों पर असर करना शुरू कर देते हैं, जिससे बच्चों में चिड़चिड़ापन,सिर दर्द, भारीपन,तनाव, स्मरण शक्ति कम होना,गर्दन और बदन दर्द,दिल और दिमाग की बीमारी,दिमाग के टिश्यू डैमेज होना,कैंसर तक होने की संभावना रहती है। इन इलेकट्रॉनिक अपलाइंसेस की रेडिएशन रेंज कितनी होनी चाहिए ऐसा कोई मानक नहीं है, ना ही कंपनियां कुछ बताती हैं, और ना ही कोई सरकारी निर्देश हैं,लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। एनपीएल इन अपलाइंसेस की रेडिएशन रेंज का मानक तय करने जा रही है। इसके बाद कंपनियों को रेडिएशन रेंज को ध्यान में रखकर ये अपलाइंसेस बनाने होंगे।
पॉल्यूशन पर मानक बनाने के बाद अब एनपीएल ने रेडिएशन रेंज पर मानक लाने का काम शुरू कर दिया है। मोबाइल टॉवर जो घर के बाहर लगे होते हैं उनके लिए नियम हैं कि वो कितनी दूर लगाए जाएं ताकि उसकी तरगें हमें कम से कम नुकसान दे सकें,लेकिन, घर के कोने में लगा राउटर उतनी ही रेडिएशन छोड़ता है जितना कि बाहर का टावर। एनपीएल ने टेलिकॉम इंडस्ट्री को इस रेडिएशन रेंज के स्टैंडर्ड का प्रस्ताव दे दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा।