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- टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम की देगी सुविधाएं....क्या है ई-सिम और इसके फायदे......?
Posted by : achhiduniya
20 May 2018
दूरसंचार विभाग (DoT) ने इंबेडेड सिम (ई-सिम) के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। सभी टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम की सुविधाएं दे सकती हैं। नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब यूजर्स किसी भी सर्विस प्रोवाइडर टेलीकॉम कंपनी से नया कनेक्शन लेता है तो उसके स्मार्टफोन में इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल यानी ई-सिम डाल दिया जाएगा। ई-सिम इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की जानकारी टेलीकॉम कंपनी अपने डाटाबेस में दर्ज कर लेंगी। ई-सिम की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल रिलायंस जियो और एयरटेल एप्पल वॉच में करती हैं। ई-सिम तकनीक के जरिए स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बढ़ जाएगी। सॉफ्टवेयर के जरिए काम करने वाले ई-सिम में फिजिकल सिम की अपेक्षा में स्मार्टफोन के बैटरी की खपत कम हो जाएगी। इसके अलावा यूजर्स का सिम पोर्ट करने के लिए 7 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस तकनीक से यूजर्स तुरंत अपने ऑपरेटर बदल सकते हैं।
इसके अलावा स्मार्टफोन में सिम कार्ड स्लॉट की भी जरूरत नहीं होगी। जिससे आपके स्मार्टफोन में अतिरिक्त जगह भी बन जाएगी। नई गाइडलाइंस के बाद सभी टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम की सेवाएं दे सकती है। कंपनियों को ई-सिम की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की गारंटी देनी होगी। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि ई-सिम के लाइसेंस की शर्तों का भी उल्लघंन ना हो। इसके अलावा कंपनियों को ई-सिम में भी नंबर पोर्टिबिलिटी की सुविधा देनी होगी। ई-सिम के लिए कंपनियों को डाटा सेंटर भारत में ही बनाना होगा। नियमों के मुताबिक सेंटर भारत के बाहर नहीं होना चाहिए। इसके अलावा ई-सिम का सर्वर भी भारत में ही होना चाहिए। ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है।
यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है। इस तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टवॉच में किया जा रहा है,लेकिन इस तकनीक को अब समार्टफोन पर रोल-ऑउट कर दिया जाएगा। जिससे यूजर्स केवल सॉफ्टवेयर के जरिए टेलीकॉम सेवाएं ले सकेंगे। इसके अलावा एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने में भी आसानी होगी। आसान भाषा में समझें तो यह एक ऐसा सिम कार्ड होगा, जो डिवाइस बोर्ड में लगाया जाएगा। चिप होल्ड करने वाले कार्ड की जरूरत खत्म होगी।