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- सिमरन और राम नाम की महिमा......
Posted by : achhiduniya
23 June 2018
जब कुआँ खोदना शुरू करोगे तो पहले बहुत सी मिट्टी और फिर कीचड़ निकलते हैं, फिर गन्दा, और मैला पानी निकलता है । लेकिन अंत में और गहरी खुदाई का प्रयास करने पर साफ़ सुथरा पानी मिलता है। ऐसे ही हमारा भजन सिमरन करना है, जितना अधिक किया जाता है मन का दर्पण भी उतना ही साफ़ होता जाता है और जब पूरा साफ़ हो जाता है तो दिल में सच्चा प्रेम उछालें भरने लगता है और अभ्यासी को अन्तर में सतगुरू के दर्शन हो जाते हैं,लेकिन इसमें सेवक की नाम की कमाई कम और सतगुरु की दया बहुत ज्यादा काम करती है। इसलिए सिमरन में कभी नागा ना डालो, बल्कि उसमें प्रेम से लीन होते चले जाओ। गुरुदेव के हर फैसले पे हमेशा खुश रहो क्यूँकि गुरुदेव आपको वो सब नहीं देते जो आपको अच्छा लगता है बल्कि, गुरुदेव तो आपको वही सब देते हैं जो आपके लिये अच्छा होता है। जिस तरह सुई में धागा डाल कर रखने से वो कहीं गुम नहीं होती। उसी तरह मन रूपी सुई में यदि सिमरन रूपी धागा हमेशा डाल कर रखा जाये तो वह भी सँसार की रँग बिरँगी चीज़ों के प्यार में कभी खो नहीं सकता। सतगुरु अपने उस सेवक का हाथ हमेशा अपने हाथ में पकड़े रखते हैं, जो प्रेम से अपना भजन सिमरन हर रोज़ करता है।
राम नाम की महिमा:- एक बार श्री कृष्ण से अर्जुन ने पूछा कि राम से बड़ा राम का नाम है वो कैसे ? श्री कृष्ण जी ने कहा कि इस रास्ते पर चला जा, जो भी सब से पहले मिले उस से पूछ लेना। वह व्यक्ति उस रास्ते पर गया तो उसे सब से पहले एक कौवा मिला, उसने कौवे से पूछा कि राम नाम की महिमा क्या है ? उसके यह पूछते ही वह कौवा मर गया....अर्जुन वापिस श्री कृष्ण जी के पास आया और सब हाल बताया...अब श्री कृष्ण ने कहा कि फलाने घर में एक गाय ने एक बछड़ा दिया है, उससे जाकर यह सवाल पूछो। अर्जुन वहां पहुंचा और बछड़े के आगे यही सवाल किया तो वह भी मर गया....अर्जुन भागा भागा श्री कृष्ण जी के पास आया और सब बताया..अब श्री कृष्ण जी ने कहा कि फलाने घर में जा, वहां एक बच्चा पैदा हुआ है, उस से यही सवाल करना...अर्जुन बोला के वह बच्चा भी मर गया तो ? श्री कृष्ण जी ने कहा कि तेरे सवाल का जवाब वही देगा..अब अर्जुन उस घर में गया और जब बच्चे के पास कोई ना था तो उसने पूछा कि राम नाम की महिमा का क्या लाभ होता है ? वह बच्चा बोला कि मुझे पहले तो पता नहीं था लेकिन तू जब पहली मेरे सामने राम नाम लिया तो मुझे कौवे की योनी से मुक्ति मिली और बछड़े का जन्म मिला...तू दूसरी बार मेरे पास आकर राम नाम लिया तो मुझे बछड़े से इंसान का जन्म मिला...सो इतना बड़ा हो सकता है राम नाम के सुनने का फल.....।

