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भारत हमेशा से खुला समाज रहा है, जो यहां आया वह यहीं का होकर रह गया….. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
Posted by : achhiduniya
07 June 2018
नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के संस्थापक केबी हेडगेवार की जन्मस्थली पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्वागत संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया। पूर्व राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को भारत माता का एक महान सपूत बताया। मुखर्जी ने हेडगेवार के जन्मस्थल का दौरा किया और आगंतुकों के लिए मौजूद किताब में लिखा, मैं आज यहां भारत माता के महान सपूत को मेरी श्रद्धांजलि और सम्मान पेश करने आया हूं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष के समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हम पूरी दुनिया को एक परिवार की तरह देखते हैं और सबों की भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता हमारी ताकत है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संबोधन के लिए आए। उन्होंने कहा कि आज मैं राष्ट्र, राष्ट्रवाद, देशभक्ति पर अपनी बात आपके साथ साझा करूंगा। प्रणब मुखर्जी ने अपने संबोधन में भारत के इतिहास, उसकी संस्कृति, धर्म, भाषा, प्रांत सभी का जिक्र किया। भारत की विशालता का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा कि भारत हमेशा से खुला समाज रहा है। जो यहां आया वह यहीं का होकर रह गया। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर राष्ट्र की अवधारणा गलत है। अपने संबोधन में मुखर्जी ने कहा कि कॉलोनियन सिस्टम ने यहां कब्जा जमाया। उन्होंने अंग्रेजों के आगमन और उसके विस्तार की चर्चा की।
मुखर्जी ने कहा कि तीन युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश के एक बड़े भू-भाग पर कब्जा कर लिया। इसने एक एकीकृत शासन व्यवस्था स्थापित किया। इसका संचालन गवर्नर जनरल के जरिए होने लगा। मुखर्जी ने अपने संबोधन में भारत के व्यापार और उसके विस्तार की चर्चा की। यहां के धर्म और उसके प्रसार की चर्चा की। मुखर्जी ने भारत के ऐतिहास शिक्षण स्थल का जिक्र किया और कहा कि इस मामले में भारत हरदम समृद्ध रहा है। इस समारोह में बुलाने के लिए प्रणव मुखर्जी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत का आभार जताया।