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- 91 चक्कर के नये नोटों की ढुलाई का भारतीय वायु सेना ने 29.41 करोड़ रुपये बिल भेजा सरकार को....
Posted by : achhiduniya
08 July 2018
भारत देश के प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी द्वारा आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा के बाद 86 फीसदी
नोट व्यवस्था से बाहर हो गए थे। इसकी भरपाई नोटबंदी के बाद जारी 2000 और 500 रुपये के नए नोटों से अविलंब करने की
आवश्यकता थी। आरबीआई और सरकारी आंकड़ों के अनुसार आठ नवंबर 2016 तक 500 के 1716.5 करोड़ नोट थे
और 1000 रुपये के 685.8 करोड़ नोट थे। इस
तरह इन नोटों का कुल मूल्य 15.44 लाख करोड़ रुपये था जो उस
समय प्रचलन में मौजूद कुल मुद्रा का तकरीबन 86 फीसदी था। नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 और 500 रुपये के नये नोटों की ढुलाई में भारतीय
वायु सेना के अत्याधुनिक परिवहन विमान सी-17 और सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस के
इस्तेमाल पर 29.41 करोड़ रुपये से अधिक की रकम खर्च की गई।
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में भारतीय वायुसेना ने कहा कि सरकार के आठ नवंबर 2016 को 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को अचानक से प्रचलन से बाहर करने के बाद उसके परिवहन विमानों सी-17 और सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस ने सेक्युरिटी प्रिंटिंग प्रेस और टकसालों से देश के विभिन्न हिस्सों में नोटों की ढुलाई करने के लिये 91 चक्कर लगाए। सेवानिवृत्त कोमोडोर लोकेश बत्रा की आरटीआई के जवाब में वायु सेना ने कहा कि उसने सरकारी स्वामित्व वाले सेक्युरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड को अपनी सेवाओं के बदले में 29.41 करोड़ रुपये का बिल सौंपा है। बत्रा ने कहा, मेरी राय है कि सरकार को रक्षा परिसंपत्ति के इस्तेमाल से बचना चाहिए था और इसकी जगह असैन्य परिवहन विमान की सेवाएं आसानी से ली जा सकती थीं।
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में भारतीय वायुसेना ने कहा कि सरकार के आठ नवंबर 2016 को 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को अचानक से प्रचलन से बाहर करने के बाद उसके परिवहन विमानों सी-17 और सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस ने सेक्युरिटी प्रिंटिंग प्रेस और टकसालों से देश के विभिन्न हिस्सों में नोटों की ढुलाई करने के लिये 91 चक्कर लगाए। सेवानिवृत्त कोमोडोर लोकेश बत्रा की आरटीआई के जवाब में वायु सेना ने कहा कि उसने सरकारी स्वामित्व वाले सेक्युरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड को अपनी सेवाओं के बदले में 29.41 करोड़ रुपये का बिल सौंपा है। बत्रा ने कहा, मेरी राय है कि सरकार को रक्षा परिसंपत्ति के इस्तेमाल से बचना चाहिए था और इसकी जगह असैन्य परिवहन विमान की सेवाएं आसानी से ली जा सकती थीं।

