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- युगांडा की संसद मे पीएम मोदी का संबोधन क्यू है खास.....?
Posted by : achhiduniya
25 July 2018
युगांडा की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि युगांडा अफ्रीका के मोती की तरह है। यह संपदाओं से भरा हुआ देश है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम की कहानी दक्षिण अफ्रीका से जुड़ी हुई है। अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ भारत हमेशा खड़ा रहा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत अफ्रीका के संघर्ष काल से की,उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है। जब अफ्रीका संघर्ष काल से गुजर रहा था, किसी देश को युगांडा की चिंता नहीं थी। युगांडा से जुड़ने का अर्थ था देना ही देना। किसी को फिक्र नहीं थी अफ्रीका के संकट पर एक नजर डालने की। एक अकेला भारत ही था जो युगांडा के साथ खड़ा था। तब युगांडा से लेना-देना नहीं था,लेकिन हमने मानवीय मूल्यों के लिए यहां काम किया। पीएम मोदी ने भारत की मशीनें महंगी होने की वजह बताते हुए एक कहानी भी लोगों को सुनायी। उन्होंने कहा कि मैं जब छोटा था तो एक चुटकुला सुनाने को मिलता था कि एक बस स्टॉप पर गरीब लड़का पंखा बेच रहा था, जो एक रुपये में पंखा दे रहा था। दूसरे वाले ने आठ आने बताया, तीसरा 4 आने में पंखा बेच रहा था।
एक शख्स ने 4 आने वाला पंखा लिया लेकिन 3-4 बार पंखा हिलाने में ही टूट गया। तो उसने तुरंत पंखा वाले को पकड़ा और गुस्सा किया,लेकिन पंखा वाले ने जवाब दिया कि मैंने पंखा हिलाने को थोड़ी कहा था, पंखा नहीं मुंडी हिलानी थी। उन्होंने कहा कि इसी तरह हो सकता है। शुरू में चीजें महंगी लगे लेकिन वो लंबे समय तक टिकेंगी। सस्ती चीजें खरीदेंगे वो खराब रहेंगी कई माह तक क्योंकि उन्हें ठीक करने वाला भी उसी देश से लाना पड़ेगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि जीरो डिफेक्ट के साथ हम आपको मशीन देने, टेक्नॉलजी देने को तैयार हैं। हां, वो शुरू में महंगा होगा। कोई चिल्लाएगा भी कि ये महंगा है, ये कैसी सरकार है। पहले वाला सस्ता था, लेकिन आपको यह तय करना है कि पंखा हिलाना है या मुंडी हिलानी है? इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं युगांडा के लोगों में क्षमता विकसित हो, कौशल का विकास हो, मानव संसाधन का विकास हो यह सारी वैसी शक्तियां हैं,जो आपसे दुनिया की कोई ताकत छीनने में सक्षम नहीं हो सकती। यह हमारी प्राथमिकता है।