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- 340 से अधिक असुरक्षित दवाओं पर लग सकता है बैन...
Posted by : achhiduniya
04 August 2018
एफडीसी एक खुराक में पैक दो या दो से अधिक चिकित्सीय दवाओं का एक कॉकटेल होता है। भारत में कई कफ सिरप, पेन किलर और डर्मटलॉजिकल दवाएं एफडीसी में ही आती हैं। साल 2016 में स्वास्थ्य मंत्रालय में 349 एफडीसी को बैन किया था, जिसमें सैरिडॉन, कोरेक्स, डी कोल्ड टोटल, फेंसेडिल और वीक्स एक्शन 500 एक्स्ट्रा जैसे लोकप्रिय ब्रांड शामिल थे। यह दावा किया जा रहा था कि वे उपयोग के लिए असुरक्षित हैं। इस कदम से अनुमान लगाया गया था कि लगभग 6,000 दवा ब्रैंड्स प्रभावित होंगी और 1 लाख करोड़ रुपये के भारतीय दवा बाजार को 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा।
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) की उप-समिति ने यह सिफारिश की है कि ऐसी 343 दवाओं को बैन किया जाए। इस फैसले से सिप्ला और ल्यूपिन सरीखी दवा निर्माता कंपनियों के साथ-साथ कई और कंपनियां प्रभावित होंगी। मंत्रालय की ओर से जिन दवाओं पर बैन लगाए जाने की बात सामने आ रही है, उसमें फेंसेडिल, सैरिडॉन और डी'कोल्ड टोटल जैसी दवाएं शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय एक समिति की सिफारिश पर अमल करते हुए जल्द ही 300 से अधिक दवाओं पर बैन लगा सकता है। यह दवाएं फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन की हैं। सरकार के इस फैसले से कई बड़ी कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है। कंपनियां इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटा सकती हैं।

