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- पेट्रोल के दामो मे लगी आग के चलते डिजिटल भुगतान के कैश बैक पर लग सकता है ग्रहण.....
Posted by : achhiduniya
21 September 2018
बिजनेस अखबार मिंट में छपी खबर के मुताबिक पेट्रिलियम कंपनियों ने फाइनेंशियर ईयर 2017-18 में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कुल 1165 करोड़ रुपये ई-पेमेंट पर मिलने वाले डिस्काउंट के तौर पर खर्च किया। साथ ही 266 करोड़ रुपये एमडीआर शुल्क के तौर पर बैंकों को चुकाया। इस लिहाज से कंपनियों ने कुल 1431 करोड़ रुपये खर्च किए। इस साल ये आंकड़ा 2000 करोड़ रुपये के पार जा सकता है। इसीलिए कंपनियां डिस्काउंट योजना को खत्म करने की प्लानिंग कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को उस समय चलन में रहे 500 और 1,000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा की। उसके एक माह बाद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये कई प्रकार की छूट की पेशकश की गयी।
तब कहा गया था कि 4.5 करोड़ लोग दैनिक 1,800 करोड़ रुपये का पेट्रोल और डीजल खरीदते हैं। नोटबंदी के बाद एक माह में डिजिटल भुगतान दोगुना होकर 40 प्रतिशत हो गया था। बाद में यह देखा गया कि अर्थव्यवस्था में नकदी आने के साथ ही डिजिटल भुगतान भी कम हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (HPCL, BPCL, IOC) इस डिस्काउंट कम करने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि कंपनियां इस स्कीम को अगले फाइनेंशियल ईयर (2018-19) से आगे नहीं बढ़ाना चाहते है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ।