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- ऑनलाईन दवाईया मरीजो की कर रही लाईफ-ऑफ....NDCDA
Posted by : achhiduniya
26 September 2018
ऑनलाइन स्टार्टअप्स ई-फार्मेसी के चलते केमिस्टों का ट्रेडिशनल बिजनेस अस्तव्यस्त हो गया है। ऐसे में देशभर के केमिस्टों ने नागपुर डिस्ट्रिक केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट असोसिएशन [NDCDA] के बैनर तले 27/9/18 रात 12 बजे से 28/9/18 रात 12 बजे एक दिन दुकानें सांकेतिक बंद करने फैसला लिया है। उनका आरोप है कि ये ऑनलाइन कंपनियां दवाओं का गैरकानूनी बिजनेस कर रही हैं। ट्रेडिशनल दवा रिटेलर्स ई-कॉमर्स का विरोध कर रहे हैं। वहीं, ई-फार्मेसी स्कैन्ड प्रेस्क्रिप्शंस पर ही दवाएं बेच सकती हैं। मौजूदा नियमों के मुताबिक अभी तक रिटेलर्स और होलसेलर्स जितनी भी दवाएं बेचते हैं, उन सभी के लिए उन्हें राज्य सरकारों से लाइसेंस लेना पड़ता है। ऐसे में यह साफ नहीं हो पाया है कि ऑनलाइन रिटेलर्स को भी अपने पोर्टल के जरिए बेची जाने वाली दवाइयों के लिए राज्यों सरकारों के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा या नहीं।
इनमें नींद या बेहोशी की गोलियां, यौनशक्ति बढ़ाने का दावा करने वाली दवाएं, वजन कम करने या बाल उगाने वाली दवाएं शामिल हैं जो बिना डॉक्टरी सलाह के लेने पर नुकसान पहुंचा सकती हैं। कई वेबसाइट प्रिस्क्रिप्शन स्कैन कर अपलोड करने पर ही दवाएं देती हैं,लेकिन भला उस प्रिस्क्रिप्शन की वैधता वेबसाइट कैसे जांचेगी। एक ही पर्चा कई वेबसाइट पर अपलोड कर थोक में दवाएं ऑर्डर करने वालों को कैसे रोका जा सकेगा, ये सवाल अनुत्तरित हैं। सबको वक्त पर दवाएं मिल जाएं, यह सुनिश्चित करने के लिए क्वॉलिटी, कॉस्ट और एक्सेस जरूरी है। ई-फार्मेसी यह पक्का कर सकती हैं कि जरूरतमंदों को समय पर दवाएं मिलें।
उनकी पहुंच दूरदराज के इलाकों में भी होगी। इसलिए सही ई-फार्मेसी पॉलिसी बनाना अहम है। इसमें ट्रेडिशनल ड्रग रिटेलर्स को बराबरी का मौका दिया जाना चाहिए। इसी के चलते देशभर के केमिस्टों ने नागपुर डिस्ट्रिक केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट असोसिएशन [NDCDA] के बैनर तले 27/9/18 रात 12 बजे से 28/9/18 रात 12 बजे एक दिन दुकानें सांकेतिक बंद करने फैसला लिया है। पत्र परिषद के माध्यम से यह सारी जानकारी NDCDA के अध्यक्ष राजेन्द्र कावडकर,सचिव हेतल ठक्कर,हरीश गणेशानी,शैलेश गहलोत ने दी।