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- 2008 से 2014 के बीच बैंक मनमाने ढंग से क़र्ज़ दे रहे थे तो रिज़र्व बैंक इसकी अनदेखी करता रहा..... वित्त मंत्री अरुण जेटली
2008 से 2014 के बीच बैंक मनमाने ढंग से क़र्ज़ दे रहे थे तो रिज़र्व बैंक इसकी अनदेखी करता रहा..... वित्त मंत्री अरुण जेटली
Posted by : achhiduniya
30 October 2018
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने शुक्रवार को एक भाषण में कहा था कि सरकार अगर आरबीआई की स्वायत्तता में दखल देती है तो ये ख़ासा नुक़सानदेह हो सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम में रिजर्व बैंक की जमकर आलोचना की है। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि जब 2008 से 2014 के बीच बैंक मनमाने ढंग से क़र्ज़ दे रहे थे तो रिज़र्व बैंक इसकी अनदेखी करता रहा। वित्त मंत्री अरुण जटेली वित्तीय स्थाईत्व और विकास परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें उर्जित पटेल को भी हिस्सा लेना है। यह बैठक आरबीआई के डिप्टी गवनर्नर विरल आचार्य के उस बयान के बाद आ रही हैं जिसमें उन्होंने देश के इस केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर आवाज बुलंद की थी। इस बीच आरबीआई कर्मचारियों के संगठन ने डिप्टी गवर्नर का समर्थन किया है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की मानें तो रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के बयान के बाद टकराव सार्वजनिक होने से केंद्र सरकार परेशान और नाराज है। केंद्र को आशंका है कि इस वाकये से इनवेस्टर्स की नजर में देश की छवि खराब हो सकती है। सरकार और आरबीआई को लेकर आ रही इस तरह की खबरों के बीच वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने तंज कसते हुए कहा कि अच्छा होगा कि दोनों पक्षों को बंद कमरों में मतभेद सुलझाने चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मामला बहुत ही गंभीर है और अच्छा होगा कि आरबीआई और सरकार एक दूसरे को लेक्चर देकर बात न करें, हमारे पास पहले से ही दो लोग हैं।