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मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक,राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का अवसर मिला....प्रधानमंत्री मोदी
Posted by : achhiduniya
21 October 2018
राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में बनाई गई 30 फुट ऊंची और 238 टन की काले ग्रेनाइट की मूर्ति, एक संग्रहालय और एक ऐसे पट्ट का अनावरण किया जिस पर 34,800 से ज्यादा शहीद पुलिसकर्मियों के नाम लिखे हुए हैं। मध्य दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में 6.12 एकड़ जमीन पर निर्मित पुलिस स्मारक पहुंचने पर मोदी को रस्मी सलामी दी गई। कार्यक्रम स्थल पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने शहीद जवानों की स्मृति में माल्यार्पण किया। इस मौके पर गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू, हंसराज अहीर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित केंद्रीय एवं राज्य पुलिस बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे। पुलिस के शहीद जवानों की याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए। देश के हर राज्य में हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को, भी मैं बधाई देता हूं। आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। आखिर इस मेमोरियल को अस्तित्व में आने में आज़ादी के 70 वर्ष क्यों लग गए। मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकार की इच्छा होती, उसने दिल से प्रयास किया होता, तो ये मेमोरियल कई वर्ष पहले ही बन गया होता। लेकिन पहले की सरकार ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी। 2014 में जब फिर NDA की सरकार बनी तो हमने बजट आवंटन किया और आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित की जा रही है। देश की सुरक्षा में समर्पित प्रत्येक व्यक्ति को, यहां उपस्थित शहीदों के परिवारों को मैं पुलिस स्मृति दिवस पर नमन करता हूं। आज का ये दिन आप सभी की सेवा के साथ-साथ, आपके शौर्य और उस सर्वोच्च बलिदान को याद करने का है, जो हमारी पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की परिपाटी रही है। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक,राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है।
देश के नक्सल प्रभावित जिलों में जो जवान अभी ड्यूटी पर तैनात हैं, उनसे भी मैं यही कहूंगा कि आप बेहतरीन काम कर रहे हैं और शांति स्थापना की दिशा में आप तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट में डटे हमारे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है। शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे हमारे उत्तर-पूर्व के विकास में आपका भी योगदान है। आज का ये दिन देश में आपदा प्रबंधन में जुटे, किसी प्राकृतिक संकट के समय या हादसे के समय, राहत के काम में जुटने वाले उन जवानों को भी याद करने का है, जिनकी सेवा की बहुत चर्चा नहीं की जाती। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनने में 70 वर्ष लगने के लिए पूर्व की सरकारों की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया और कहा कि पहले की सरकारों ने दिल से प्रयास किया होता तब यह स्मारक कई वर्ष पहले ही बन जाता। रविवार को कहा, आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। आखिर इस स्मारक को अस्तित्व में आने में आज़ादी के बाद 70 वर्ष क्यों लग गए। उन्होंने कहा, मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका रहा, लेकिन पहले की सरकारों की इच्छाशक्ति होती, उन्होंने दिल से प्रयास किया होता, तो ये स्मारक कई वर्ष पहले ही बन गया होता।