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- पंजाब रेल हादसा या प्रशासनिक लापरवाही कौन है असली गुनाहगार....? सामने आया NOC लेटर...
Posted by : achhiduniya
20 October 2018
पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए ट्रेन हादसे से
ढेरों सवाल उठ रहे हैं। रेलवे ट्रैक के पास मेले के आयोजन और रावण दहन की अनुमति कैसे
मिली और आयोजन समिति द्वारा अनुमति ली भी गई थी या नहीं? इसके जवाब में दशहरा कमिटी की ओर से लेटर जारी किया
गया है। जारी किए गए दो दस्तावेजों में से एक पुलिस को लिखा गया पत्र तो दूसरी पुलिस
द्वारा दी गई एनओसी है। इसे कांग्रेस की तरफ से आयोजित
किया गया था। वहीं इस हादसे पर कांग्रेस मंत्री नवजोत सिंह सिद्धु इसे प्राकृतिक आपदा
बता रहें हैं तो कई इसे दिन दोष कि अक्सर शुक्रवार को पड़ने वाले दशानन मेले में इस
तरह के हादसे होते है। बता दे कि इस मेले में विभिन्न सरकारी संस्थाओं द्वारा जो मौत
के आंकड़े जारी किए जा रहें हैं, उससे भी कई अधिक लोगों की मृत्यु
इस हादसे में हुई है।
अब सोचने वाली बात यह है कि जब प्रशासन को इस बात की जानकारी थी तो उसने वहां कोई पुलिस बल तैनात क्यों नहीं किया था?दूसरा, इस हादसे के बाद तुरंत ही नवजोत कौर सिद्धु को वहां से भाग जाना, तीसरा पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह कौर का इस हादसे के 15 घंटे बाद पहुंचकर सफाई देना, चौथा मेला आयोजन समिति द्वारा भीड़ को नियंत्रण करने का उपाय न करना क्योंकि अक्सर इस तरह के मेलें में भीड़ो का जुटना लाजिमी है, पांचवा क्या ड्राइवर को इसका आभास नहीं था कि रेलवे पटरी पर लोगों को जमावड़ा हैं, खबरों के अनुसार लोग पटरी पर जाकर सेल्फी और वीडियो ले रहें थे तो क्या ड्राइवर को पटरी के ऊपर कुछ चमकता हुआ वस्तु नहीं दिखाई दिया। अब यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस की ओर से भी कमिटी को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) दिया गया था। पुलिस या स्थानीय प्रशासन की ओर से रेलवे ट्रैक के करीब आयोजन स्थल होने को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई गई थी। हालांकि रेलवे इस मामले में पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि उसे इस बारे में जानकारी व कोई निर्देश नहीं थे। पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए ट्रेन हादसे ऐसे कई सवाल उठा रहें हैं, जो प्रशासन से लेकर आकाओं तक को कठघरें में खड़ा कर रहा है।
इस हादसे के बाद जिस प्रकार पुलिस प्रशासन से लेकर, रेल प्रशासन तक इस बात से इंकार कर रहें थे कि उन्हें इस दशानन मेले के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। इस मेले के आयोजन की समिति की तरफ से उस पत्र को जारी किया गया हैं, जिससे यह जानकारी मिलती हैं कि इस मेले के संबंध में यहां के प्रशासन को पूरी जानकारी थी। दशहरा समिति को रेलवे ट्रैक के पास आयोजन की अनुमति मिली थी और इसे साबित करते हुए समिति की ओर से पत्र जारी किए गए हैं। पहला पत्र कमिटी की ओर से अमृतसर के गोल्डेन अवेन्यू पर धोबी घाट में लगने वाले मेले में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को दिया गया आवेदन है। वहीं, दूसरा पत्र एएसआई दलजीत सिंह की ओर से दिया गया जवाब है कि उन्हें इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं हैं।
अब सोचने वाली बात यह है कि जब प्रशासन को इस बात की जानकारी थी तो उसने वहां कोई पुलिस बल तैनात क्यों नहीं किया था?दूसरा, इस हादसे के बाद तुरंत ही नवजोत कौर सिद्धु को वहां से भाग जाना, तीसरा पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह कौर का इस हादसे के 15 घंटे बाद पहुंचकर सफाई देना, चौथा मेला आयोजन समिति द्वारा भीड़ को नियंत्रण करने का उपाय न करना क्योंकि अक्सर इस तरह के मेलें में भीड़ो का जुटना लाजिमी है, पांचवा क्या ड्राइवर को इसका आभास नहीं था कि रेलवे पटरी पर लोगों को जमावड़ा हैं, खबरों के अनुसार लोग पटरी पर जाकर सेल्फी और वीडियो ले रहें थे तो क्या ड्राइवर को पटरी के ऊपर कुछ चमकता हुआ वस्तु नहीं दिखाई दिया। अब यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस की ओर से भी कमिटी को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) दिया गया था। पुलिस या स्थानीय प्रशासन की ओर से रेलवे ट्रैक के करीब आयोजन स्थल होने को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई गई थी। हालांकि रेलवे इस मामले में पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि उसे इस बारे में जानकारी व कोई निर्देश नहीं थे। पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए ट्रेन हादसे ऐसे कई सवाल उठा रहें हैं, जो प्रशासन से लेकर आकाओं तक को कठघरें में खड़ा कर रहा है।
इस हादसे के बाद जिस प्रकार पुलिस प्रशासन से लेकर, रेल प्रशासन तक इस बात से इंकार कर रहें थे कि उन्हें इस दशानन मेले के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। इस मेले के आयोजन की समिति की तरफ से उस पत्र को जारी किया गया हैं, जिससे यह जानकारी मिलती हैं कि इस मेले के संबंध में यहां के प्रशासन को पूरी जानकारी थी। दशहरा समिति को रेलवे ट्रैक के पास आयोजन की अनुमति मिली थी और इसे साबित करते हुए समिति की ओर से पत्र जारी किए गए हैं। पहला पत्र कमिटी की ओर से अमृतसर के गोल्डेन अवेन्यू पर धोबी घाट में लगने वाले मेले में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को दिया गया आवेदन है। वहीं, दूसरा पत्र एएसआई दलजीत सिंह की ओर से दिया गया जवाब है कि उन्हें इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं हैं।