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- मोदी सरकार चुनावी बेला में खुले हाथों से धन खर्चने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक का आरक्षित कोष हड़पना चाहती है.....पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम
मोदी सरकार चुनावी बेला में खुले हाथों से धन खर्चने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक का आरक्षित कोष हड़पना चाहती है.....पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम
Posted by : achhiduniya
11 November 2018
आरबीआई के संचालक मंडल
की 19
नवंबर को होने वाली अहम बैठक के बारे में पूछे गये सवाल पर पूर्व वित्त मंत्री ने
कहा, अगर
सरकार आरबीआई संचालक मंडल के सदस्यों पर दबाव डालकर इस बैठक के दौरान अपने पक्ष
में कोई प्रस्ताव पारित करा लेती है, तो केंद्रीय बैंक के गवर्नर (उर्जित पटेल) के
पास केवल दो विकल्प होंगे। पहला यह कि वह इस प्रस्ताव को अमली जामा पहनाते हुए
सरकार को (वांछित) धन स्थानांतरित करें या अपने पद से इस्तीफा दे दें। मैं पूरी
दृढ़ता से कह सकता हूं कि इन दोनों में से कोई भी स्थिति विनाशकारी होगी। उन्होंने
कहा, हालांकि, मैं
उम्मीद करता हूं कि सरकार को सद्दबुद्धि आयेगी और वह आरबीआई संचालक मंडल पर अपने
पक्ष में कोई प्रस्ताव पारित करने के लिये दबाव नहीं डालेगी। चिदम्बरम ने कहा, आरबीआई
एक केंद्रीय बैंक है।
यह कोई प्राईवेट लिमिटेड कंपनी या पब्लिक लिमिटेड कम्पनी
नहीं है। इसके साथ किसी संचालक मंडल
प्रबंधित कम्पनी की तरह बर्ताव नहीं किया जा सकता। आरबीआई की सारी शक्तियां और परिचालन संबंधी तमाम
अधिकार केवल इसके गवर्नर में निहित हैं। उन्होंने कहा, पिछले
70
साल में पहली बार कोई सरकार कह रही है कि आरबीआई गर्वनर इसके संचालक मंडल का
कर्मचारी है।