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राहुल गांधी को उनकी कांग्रेस पार्टी ही गंभीरता से नहीं लेती है तो फिर जनता कैसी लेगी...... पीएम मोदी
Posted by : achhiduniya
18 November 2018
मध्य प्रदेश के चुनाव अभियान के दौरान पीएम मोदी ने राहुल पर तीखे तंज करते हुए कहा, ऐसा लीडर जिससे कोई पूछे कि आप एनसीसी के बारे में क्या कहते हैं तो उन्हें पता नहीं है। कैलाश मानसरोवर होकर आए तो किसी ने पूछा तो कुछ बोल नहीं पाए। किसी ने पूछा कि घोषणापत्र क्या होता है तो बोले घोषणापत्र, घोषणापत्र होता है। ऐसे ही कोई नया महात्मा बना था तो उससे पूछा गया कि संस्कृति क्या होती है तो बोले कि संस्कृति संस्कृति होती है। पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर इंदौर की रैली में जमकर हमले करते हुए कहा कि राहुल गांधी को उनकी कांग्रेस पार्टी ही गंभीरता से नहीं लेती है तो फिर जनता कैसी लेगी। उन्होंने कहा, वह जहां जाते थे, जेब से मोबाइल निकालते थे। कहते थे मेड इन छिंदवाड़ा बनेगा, मेड इन इंदौर बनेगा,लेकिन उनकी यह बात पार्टी के मेनिफेस्टो में नहीं है, जिस नेता को उनकी पार्टी ही सीरियसली नहीं लेती है, उसे सीरियस लेना चाहिए क्या।
मुझे यकीन है कि उसे देश की जनता सीरियसली नहीं लेती। पीएम
ने राहुल गांधी के मध्य प्रदेश में मोबाइल फैक्ट्रियां खुलवाने के बयान पर कहा, मैडम
की जब रिमोट कंट्रोल सरकार थी तो देश में दो मोबाइल फैक्ट्री थीं, लेकिन
चायवाले की सरकार में सवा सौ फैक्ट्री हो गईं। जब उन्हें यह पता चला तो मोबाइल जेब
में रख लिया। ईज ऑफ डूइंज बिजनस की रैंकिंग में भारत की छलांग का श्रेय लेते हुए
पीएम मोदी ने कहा, 2014
में हम आए तो भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनस में 142वें नंबर पर थे, अब
हम 77 पर
जा खड़े हुए हैं। इसका अर्थ होता है कानून और व्यवस्था में कठिनाइयों को दूर करना।
यह काम हमने 4
साल में करके दिखाया है। तब दुनिया मानने लगी है। पीएम
मोदी ने कहा कि अभी दिवाली के पहले मैंने लघु उद्योगों के लिए 12
गिफ्ट दिए थे। इनमें एक गिफ्ट यह है कि यदि लोन चाहिए तो जीएसटी समेत यदि सारे
कागज पूरे हैं तो महज 59
मिनट में एक करोड़ रुपये तक का लोन तुरंत स्वीकृत हो जाता है।
इसलिए आज देश को
उसके कारण हमने 5
लाख तक की आय के इनकम वाले परिवार के टैक्स को घटाकर 5
पर्सेंट कर दिया है। मिडल क्लास को घर के लिए कभी बैंक के ब्याज में राहत नहीं
मिलती थी, लेकिन
हमने किया ताकि मिडल क्लास लोग घर का सपना पूरा कर सकें। पीएम मोदी ने अपनी सरकार
की पीठ थपथपाते हुए कहा कि पहले इंटरनेट का महीने का खर्च 500 से 600 रुपये
आता था, लेकिन
अब 100 से 150 रुपये
था। अब रेलवे स्टेशन पर वाई-फाई की सुविधा है। इससे देश के नौजवान प्लैटफॉर्म पर
बैठकर भी पढ़ाई कर सकते हैं। अकेले मध्य प्रदेश में एलईडी बल्ब लगने के चलते साल
भर में मिडल क्लास के लोगों के 900 करोड़ रुपये की बचत हुई है। पासपोर्ट का काम आसान हुआ है। अकेले
मध्य प्रदेश में हमने 14 पासपोर्ट
ऑफिस खोल दिए। बीमारी में लाखों खर्च होते थे। स्टेंट लगाना हो तो डेढ़ लाख तक का
खर्च आता था। हमने जन औषधि केंद्र खोले, जो दवाई 100 रुपये में मिलती थी, उसे
10 रुपये
में उपलब्ध कराने का काम हमने किया।