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शादियों में खड़े होकर और सामूहिक रुप से मर्दों और औरतों का भोजन करना हराम..विश्व इस्लामिक संस्था दारुल उलूम
Posted by : achhiduniya
19 December 2018
विश्व इस्लामिक संस्था दारुल उलूम ने एक नया फतवा जारी करते हुए किसी भी शादी या अन्य बड़े समारोह में सामूहिक रुप से मर्दों और औरतों के भोजन करने को हराम करार दिया है। साथ ही मुफ्तियों ने शादियों में खड़े होकर खाने को भी नाजायज करार दिया है। नगर के एक मोहल्ला निवासी शख्स ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग (फतवा विभाग) के मुफ्तियों की खंडपीठ से किसी भी कार्यक्रम (शादी) में खाने-पीने की सामूहिक व्यवस्था करने और उसमें मर्द और औरत के एक साथ खाना खाने और खड़े होकर भोजन करने को लेकर अलग-अलग सवाल पूछे थे। इसके जवाब में खंडपीठ ने साफ तौर पर कहा कि सामूहिक रूप से मर्दों और औरतों का एक साथ शामिल होकर भोजन करना हराम है। मुफ्तियों ने मुसलमानों को इससे बचने की नसीहत भी दी है।
शादी
या किसी भी कार्यक्रम में खड़े होकर खाना खाने के सवाल पर मुफ्तियों ने कहा कि यह
गैरों की तहजीब है, इस्लामी तहजीब नहीं है। इसलिए
खड़े होकर भोजन करना सरासर नाजायज है। इसके साथ ही मुफ्तियों ने यह भी कहा की इस
तरह के अमल से समाज की बर्बादी में देर नहीं लगेगी। दारुल उलूम अशरफिया के वरिष्ठ
उस्ताद मौलाना मुफ्ती अथर कासमी ने दारुल उलूम से जारी फतवे का समर्थन करते हुए
कहा कि मुफ्तियों ने शरीयत की रोशनी में सही बताया कि इस तरह एक साथ खाना नाजायज
और हराम है।

