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- अगर आधार को लेकर दबाव डाला तो 10 साल की कैद 1 करोड़ रुपये तक फाइन देने के लिए रहे तैयार....
Posted by : achhiduniya
19 December 2018
कोई भी संस्था आधार कार्ड के यूज के लिए आप पर
दबाव नहीं डाल सकती। पहचान और पते के प्रमाण के तौर पर आधार कार्ड के लिए दबाव
बनाने पर बैंक और टेलिकॉम कंपनियों को एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़
सकता है। यही नहीं ऐसा करने वाले कंपनियों के एंप्लॉयीज को 3 से 10 साल तक की सजा
भी हो सकती है। आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया
है। अब आपको बैंक में खाता खुलवाने या फिर सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड देना
जरूरी नहीं होगा बल्कि पूरी तरह आपकी इच्छा पर ही निर्भर होगा।
इस तरह अब आप सिम कार्ड
लेने या फिर बैंक में खाता खुलवाने के लिए आधार कार्ड की बजाय पासपोर्ट, राशन कार्ड या अन्य कोई मान्य दस्तावेज हक के साथ इस्तेमाल
कर सकते हैं। सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट और भारतीय टेलिग्राफ ऐक्ट
में संशोधन कर इस नियम को शामिल किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने इन संशोधन को मंजूरी
दी थी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश को ध्यान में
रखते हुए यह फैसला लिया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यूनिक आईडी को सिर्फ
वेलफेयर स्कीमों के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है। कानून में हुए संशोधनों के
मुताबिक आधार ऑथेंटिकेशन करने वाली कोई संस्था यदि डेटा लीक के लिए जिम्मेदार पाई
जाती है तो 50 लाख तक का फाइन और 10 साल तक की सजा हो सकती है।
इन संशोधनों को
फिलहाल संसद की मंजूरी मिलना बाकी है। हालांकि राष्ट्र हित में ऐसी जानकारी दी जा
सकती है। केंद्र सरकार के इस फैसले के चलते अब आपको बैंकों में खाते खुलवाने और
सिम कार्ड लेने के लिए आधार देने की बाध्यता नहीं रहेगी। अब तक कंपनियां और बैंक
इसे अनिवार्य बता रहे थे। इस तरह से आपको आधार पर अधिकार भी मिल गया है कि आप
चाहें तो इसकी जानकारी दें या फिर न दें।


