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- आर्मी में महिलाओं के लड़ाकू भूमिका पर ये क्या कह गए....? भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत
Posted by : achhiduniya
18 December 2018
आज देश में महिला सशक्तिकरण की बात हो रही हो रही है। भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत के
ऐसे बयान से इस मुहिम को झटका लगना लाजिमी है। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने महिलाओं
की भूमिका को लेकर ऐसा बयान दिया जिसकी जमकर आलोचना हो रही है। उन्होंने कहा था कि
आर्मी में महिलाओं को लड़ाकू भूमिकाएं इसलिए नहीं दी जाती हैं,क्योंकि उनके ऊपर बच्चों को बड़ा करने की
जिम्मेदारी होती है। बिपिन रावत यहीं पर नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह डाला कि
युद्धक्षेत्र में महिलाओं को एक्स्ट्रा सुविधाएं देनी पड़ेंगी।
उन्होंने यह भी कहा
कि महिलाएं साथी जवानों पर ताक-झांक करने का आरोप भी लगा सकती हैं और तो और
ग्रामीण परिवेश से आए जवान किसी महिला के ऑर्डर मानने के लिए तैयार नहीं हैं। साथ
ही उन्होंने कहा कि मान लीजिए युद्धक्षेत्र पर कोई लेडी अफसर है। ऑडर्स के मुताबिक
उस लेडी अफसर को सीओबी में एक हट मिलेगा, उसके बाद फिर
उसे अलग से कमरा देना होगा। फिर उनकी तांका-झांकी की शिकायत होगी जिसके बाद हमें
उन्हें एक अलग से शीट भी देनी होगी यानी महिलाओं को लड़ाकू क्षेत्र पर भेजने के
लिए एन नहीं कई मुश्किलों का सामना करना होगा। सेना प्रमुख बिपिन रावत इस समस्या
पर बात करते हुए आगे कहते हैं कि आर्मी में महिलाओं को 6 महीने की मेटर्निटी छुट्टियां नहीं दी जातीं।
अब
मान लीजिए मैं किसी महिला को कमांडिग ऑफिसर बनाता हूं, और वो बटालियन को कमांड कर रही हो तो, क्या उसे 6 महीने के लिए
ड्यूटी से दूर रखा जा सकता है? उनके महिलाओं
को लेकर इन बयानों के बाद सोशल मीडिया पर लोगों के तरह-तरह के रिएक्शन देखने को
मिल रहे हैं।


