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- न करे नजर अंदर “नाभी” में तेल डालने के जाने फायदे अपार..?
Posted by : achhiduniya
08 December 2018
मित्रों हमारा शरीर ईश्वर की अद्भुत देन है। गर्भ की उत्पत्ति
नाभी के पीछे होती है और उसको माता के साथ जुडी हुई नाडी से पोषण मिलता है और
इसलिए मृत्यु के तीन घंटे तक नाभी गर्म रहती है। गर्भधारण के नौ महीनों अर्थात 270
दिन बाद एक सम्पूर्ण बाल स्वरूप बनता है। नाभी के द्वारा सभी नसों का जुडाव गर्भ
के साथ होता है। इसलिए नाभी एक अद्भुत भाग है। नाभी के पीछे की ओर पेचूटी या navel button होता है। जिसमें 72000 से भी अधिक रक्त
धमनियां स्थित होती है। अगर सारी धमनियों को जोड़ा जाए तो उनकी लम्बाई इतनी हो
जायेगी कि पृथ्वी के गोलाई पर दो बार लपेटा जा सके। नाभी में गाय का शुध्द घी या
तेल लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है।
1.आँखों का शुष्क हो
जाना, नजर कमजोर हो जाना, चमकदार त्वचा और बालों के लिये उपाय..सोने से
पहले 3 से 7 बूँदें शुध्द घी और नारियल के तेल नाभी में डालें और नाभी के आसपास
डेढ ईंच गोलाई में फैला देवें। 2. घुटने के दर्द में उपाय:- सोने से पहले तीन से
सात बूंद इरंडी का तेल नाभी में डालें और उसके आसपास डेढ ईंच में फैला देवें।
3.शरीर में कमपन्न तथा जोड़ोँ में दर्द और शुष्क त्वचा के लिए उपाय:- रात को सोने
से पहले तीन से सात बूंद राई या सरसों कि तेल नाभी में डालें और उसके चारों ओर डेढ
ईंच में फैला देवें। 4.मुँह और गाल पर होने वाले पिम्पल के लिए उपाय:- नीम का तेल
तीन से सात बूंद नाभी में उपरोक्त तरीके से डालें।
*नाभी में तेल डालने का कारण*
हमारी नाभी को मालूम रहता है कि हमारी कौनसी रक्तवाहिनी सूख रही है,इसलिए वो उसी धमनी में तेल का प्रवाह कर देती है।
जब बालक छोटा होता है और उसका पेट दुखता है तब हम हिंग और पानी या तैल का मिश्रण
उसके पेट और नाभी के आसपास लगाते थे और उसका दर्द तुरंत गायब हो जाता था।बस यही
काम है तेल का। घी और तेल नाभी में डालते समय ड्रापर का प्रयोग करें, ताकि उसे डालने में आसानी रहे। अपने स्नेहीजनों, मित्रों और परिजनों में इस नाभी में तेल और घी
डालने के उपयोग और फायदों को शेयर करिये। लेख:-योगाचार्य हरिश भाई वैद *बडौदा*


