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- HIV एड्स होने के डर से खाली कराई पूरी झील.....
Posted by : achhiduniya
06 December 2018
भारत में सिर्फ वर्ल्ड एड्स डे पर नहीं बल्कि आए दिनों टीवी, अखबार और सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के जरिए इस बीमारी को लेकर जानकारी दी जाती है और सरकार बड़े पैमाने पर कई बड़े कार्यक्रम भी चालाए जा रहे हैं। दुखद यह है कि इन सबके बावजूद लोगों में अभी भी एचआईवी को लेकर अज्ञानता है। कर्नाटक के हुबली जिले के एक गांव में एचआईवी संक्रमित महिला ने एक हफ्ते पहले झील में कूद कर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद गांववाले पाइप लगाकर उस झील का पानी निकालने में जुटे हुए हैं। पानी के इस्तेमाल से उनमें एचआईवी/एड्स का संक्रमण फैल जाएगा, इस डर से मोराब गांव के लोगों ने अधिकारियों को सूचित किया कि वे इस झील का तब तक इस्तेमाल नहीं करेंगे जब तक इसमें ताजा पानी नहीं भरा जाता।
आत्महत्या करने वाली महिला झील
के किनारे रहती थी। गांववासियों का कहना है कि वह एचआईवी से संक्रमित थी। स्थानीय
लोग इस झील के पानी का इस्तेमाल किया करते थे। इसके बाद गांववाले पाइप लगाकर उस
झील का पानी निकालने में जुटे हुए हैं। लोगों को डर है कि पानी के इस्तेमाल से
उनमें एचआईवी/एड्स का संक्रमण फैल जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसा संभव है? इस संबंध में एड्स हेल्पलाइन नंबर 1097 पर कॉल
किया और इस सवाल का जवाब मांगा। एड्स हेल्पलाइन के अनुसार, इस मामले में झील के पानी के जरिए किसी दूसरे
व्यक्ति में एचआईवी वायरस फैलने का कोई सवाल ही नहीं है। इसके कई कारण हैं। पहला, एचआईवी का वायरस पानी के अंदर चंद सेकंड में मर
जाता है।
दूसरा एचआईवी का वायरस पानी के जरिए किसी व्यक्ति में नहीं जा सकता है।
तीसरा, अगर उस महिला को झील में कूदते समय
रक्तस्राव भी हुआ होगा, तो भी एचआईवी वायरस पानी में कुछ सेकंड के
भीतर खत्म हो गया होगा। चौथा, एचआईवी वायरस
सिर्फ खून से खून, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित
यौन संपर्क बनाने, एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिला से बच्चे को और
संक्रमित व्यक्ति के लिए इस्तेमाल की गई सीरिंज से फैलता है।


