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- सोशल मीडिया के द्वारा गलत प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए सरकार का IT नियमों में संशोधन पर मंथन...
Posted by : achhiduniya
25 December 2018
फेसबुक,व्हॉट्सएप और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर
अफवाहें फैलने के बाद भीड़ के आक्रमण में कुछ लोगों के मारे जाने की घटनाओं के बाद
सरकार इस तरह के मंचों के दुरुपयोग को रोकने के तरीकों पर विचार कर रही है। साथ ही
यह विचार भी है कि सोसल मीडिया पर 2019 के आम चुनाव से पहले किसी तरह के फर्जी
संदेशों के प्रसार को रोकने के उपाय ठोस किए जाएं। इसके लिए सरकार इंफारमेशन टेक्नोलॉजी (IT) नियमों में संशोधन की योजना बना रही है। संशोधन के मसौदे के अनुसार सोशल मीडिया मंचों और
मैसेज सर्विस देने वाले एप को ऐसे व्यवस्था करनी होगी
जिससे गैरकानूनी सामग्री की पहचान हो सके और उन
पर लगाम लगाई जा सके। साथ ही इसके तहत उन्हें अपनी जांच पड़ताल की व्यवस्था सख्त
करनी होगी।
आईटी मिनिस्ट्री के अधिकारियों की पिछले हफ्ते गूगल, फेसबुक, व्हॉट्सएप, ट्विटर और अन्य कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के
साथ मीटिंग हुई थी, जिसमें नियमों में बदलाव के प्रस्तावों पर
विचार किया गया। संशोधन के वृहद प्रभाव को लेकर कुछ हलकों से चिंता जताए जाने के
बाद सरकार ने कहा कि वह अभिव्यक्ति की आजादी तथा अपने नागरिकों की निजता को लेकर
प्रतिबद्ध है। सरकार ने पिछले सप्ताह दस केंद्रीय एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर
के डाटा को मार्ग में पकड़ने के लिए अधिकृत किया है. विपक्ष ने इसको लेकर काफी
हंगामा किया।
आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधन के मसौदे के अनुसार गैरकानूनी
सामग्री की पहचान और उसे बेकार करने के लिए आटोमेटेड टूल्स लगाए जाएंगे। आईटी
मंत्रालय की वेबसाइट पर डाले गए मसौदे में कहा गया है कि सोशल मीडिया मंचों को
प्रौद्योगिकी आधारित आटोमेटेड उपकरण या उचित व्यवस्था करनी होगी, जिस पर उचित नियंत्रण हो, जिससे अग्रसारी तरीके से गैरकानूनी सामग्री को
रोका जा सके।


