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- क्या करती है SIT टीम क्यू होती है अतिमहत्वपूर्ण.....?
Posted by : achhiduniya
08 December 2018
सुप्रीम कोर्ट अक्सर बड़े मामलों में तब एसआईटी का गठन करता है,जब उसे लगता है कि सरकारी एजेंसियों की रिपोर्ट
में पूरा न्याय नहीं हुआ है या फिर सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई जांच में उसे
कमी नजर आती है। एसआईटी का गठन कई मामलों में राज्य और केंद्र सरकारें भी करती रही
हैं। ऐसा माना जाता है कि एसआईटी की रिपोर्ट ना केवल निष्पक्ष होगी,बल्कि उसमें वो पहलू कवर किए जा सकेंगे, जो जांच एजेसियों की जांच में सामने नहीं आ
पातीं। ये जानना जरूरी है कि एसआईटी क्या होती है और ये कितनी महत्वपूर्ण होती है।
एसआईटी का मतलब होता है Special Investigation Team इसे आमतौर पर
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किया जाता है। इसमें अवकाश प्राप्त न्यायाधीश और कुछ
विशेषज्ञ रखे जाते हैं।
इसे ऐसी विशेष
जांच एजेंसी माना जाता है, जो किसी भी दबाव में आए बगैर हाई प्रोफाइल
मामलों या लोगों के खिलाफ जांच का काम कर सकती है। पिछले कुछ सालों में सुप्रीम
कोर्ट ने कई मामलों में एसआईटी का गठन किया है। सुप्रीम कोर्ट या राज्य सरकार
द्वारा बनाए गए विशेष जांच दल में आमतौर पर एक अवकाश प्राप्त जज को नियुक्त किया
जाता है, जो इस विशेष जांच दल का अगुवाई करता है। वो
अकेला भी हो सकता है या फिर उसके साथ कुछ सदस्यों को भी नियुक्त किया जाता है। ये
विशेष जांच दल अधिकार संपन्न होता है।
इसकी जांच में हस्तक्षेप करने का अधिकार किसी के पास नहीं होता। ये दल जांच
एजेंसियों और प्रशासन के साथ जांच के मामले में सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकती
है।
एसआईटी एक तय समय में जांच पूरी करती है, जिसके बाद
रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाती है। अगर एसआईटी का गठन राज्य सरकार ने किया है तो
ये रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाती है। कोर्ट या सरकार को इस रिपोर्ट को स्वीकार या
नामंजूर करने का अधिकार है। कई बार सुप्रीम कोर्ट अपनी बनाई एसआईटी की निगरानी भी
करता है या समय समय पर उनसे रिपोर्ट मांगता रहता है। एसआईटी द्वारा रिपोर्ट पेश
किए जाने के बाद उसकी संस्तुतियों के आधार पर कोर्ट चिह्नित किए गए व्यक्तियों या
संस्थाओं पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकता है।


