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- मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ 'झांसी की रानी' एक झलक फिल्म समीक्षा
Posted by : achhiduniya
25 January 2019
देश की आजादी की लड़ाई में 'झांसी की रानी' का नाम सबसे पहले लिया जाता है। रानी लक्ष्मीबाई
के साहस और बलिदान को दर्शाती फिल्म 'मणिकर्णिका' में रानी लक्ष्मीबाई की शौर्यगाथा को बड़े पर्दे
पर बहुत ही शानदार तरीके से पेश किया गया है। फिल्म के विजुअल्स आपका दिल जीत
लेंगे। स्क्रीनप्ले
की बात की जाए तो इस पर ज्यादा काम किया जाना चाहिए था। कंगना की बतौर निर्देशक पहली फिल्म है और वे इस प्रयास
में सफल नजर आती हैं।
फिल्म में कंगना के अलावा अंकिता लोखंडे ने भी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है। लगभग 10 साल बाद छोटे पर्दे से बॉलीवुड में 'मणिकर्णिका' से डेब्यू करने वाली अंकिता लोखंडे ने इस फिल्म में झलकारी बाई का किरदार निभाया है, जो अंकिता पर काफी जच रही है। रानी लक्ष्मीबाई की कहानी जहां छोटे पर्दे पर ही मशहूर थी, उसे कंगना ने बड़े पर्दे पर अपनी दमदार एक्टिंग से उतारा है। राधा कृष्ण, जगरलामुडी और कंगना रनौत के निर्देशन में बनी यह फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषाओं में रिलीज की गई है।
फिल्म में कंगना के अलावा अंकिता लोखंडे ने भी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है। लगभग 10 साल बाद छोटे पर्दे से बॉलीवुड में 'मणिकर्णिका' से डेब्यू करने वाली अंकिता लोखंडे ने इस फिल्म में झलकारी बाई का किरदार निभाया है, जो अंकिता पर काफी जच रही है। रानी लक्ष्मीबाई की कहानी जहां छोटे पर्दे पर ही मशहूर थी, उसे कंगना ने बड़े पर्दे पर अपनी दमदार एक्टिंग से उतारा है। राधा कृष्ण, जगरलामुडी और कंगना रनौत के निर्देशन में बनी यह फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषाओं में रिलीज की गई है।
उनकी आंखों से क्रांति और यलगार की आग बरसती नजर आती थी और फिल्म में वही क्रांति
और यलगार की आग कंगना के आंखों में भी नजर आती है। फिल्म में कंगना का अभिनय और
निर्देशन दोनों ही जबरदस्त है। फिल्म की शुरुआत आमिताभ बच्चन की वॉइस ओवर से होती
है।