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गठबंधन हमारे लिए मायने नहीं रखेगा,हम बीजेपी सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे...शिरोमणि अकाली दल की बीजेपी दो टूक
Posted by : achhiduniya
30 January 2019
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली
दल के गठबंधन पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी
पार्टी अकाली दल ने गुरुद्वारा मामले में दखलअंदाजी को लेकर अल्टीमेटम दिया है और
कहा कि बीजेपी ने अगर तख्त,
गुरुद्वारा मामले में दखलंदाजी बंद नहीं की तो गठबंधन हमारे लिए
मायने नहीं रखेगा। हम बीजेपी सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे। शिरोमणि अकाली दल के
महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हमारे लिए गठबंधन अहम नहीं है। हमारे लिए
कुर्सियां इंपॉर्टेंट नहीं हैं, सांसद विधायक व मंत्री बनना भी जरूरी नहीं हैं। हमारे लिए अपने
गुरु घर जरूरी हैं। अगर बीजेपी की गुरुद्वारों के अंदर दखलंदाजी बंद नहीं होगी तो
हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। क्योंकि एक सिख के लिए उसके पवित्र स्थान
गुरुद्वारे सबसे ऊपर हैं। सिख धर्म में 5 सबसे अहम तख्त माने गए हैं. 5 में से 3
श्री अकाल तख्त साहिब, श्री
केशगढ़ साहिब और श्री दमदमा साहिब पंजाब में है. जबकि 1 बिहार में श्री पटना साहिब
और एक महाराष्ट्र के नांदेड़ में श्री हज़ूर साहिब. शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि
क्योंकि बिहार में बीजेपी गठबंधन की सरकार है इसलिए पटना साहिब में तख्त पर बीजेपी
ने कब्जे की कोशिश की थी जिसको अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुखबीर बादल ने बीजेपी
अध्यक्ष अमित शाह से बात करके मामले को निपटवाया था. लेकिन शिरोमणि अकाली दल का
कहना है कि अब महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार नांदेड के श्री हजूर साहिब तख्त पर
कब्जा करने की कोशिश कर रही है और इसके लिए चुने हुए नहीं बल्कि नियुक्त हुए लोगों
को तख्त का प्रधान बना रही है।
महाराष्ट्र सरकार ने पहले एक विधायक को हज़ूर साहिब
तख्त का प्रधान नियुक्त किया और अब कानून में बदलाव कर रही है जिसके मुताबिक
महाराष्ट्र सरकार ही तख्त के प्रधान नियुक्त करेगी। बीजेपी ने पहले पटना साहिब पर कब्जा
करने की कोशिश की, जिसको
सुखबीर बादल ने अमित शाह से बात करके सॉर्ट आउट करवाया। अब नांदेड के तख्त हजूर
साहब में इन्होंने पहले अपने एमएलए को उसका प्रधान बनवा दिया और अब एक्ट को ही
बदलने जा रहे हैं कि हमेशा के लिए वहां पर प्रधान कौन होगा वहां की सरकार तय करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार इलेक्शन की बजाय बैक डोर के माध्यम से
सिलेक्शन से अपना प्रधान थोपना चाहती है। हमारे लिए अलायंस मायने नहीं रखता।
गुरुद्वारे का प्रधान कौन बनेगा यह हक सिखों का है, सरकार का नहीं। अगर
किसी ने इस हक को लेने की कोशिश की तो हम सरकार की ईंट से ईट बजा देंगे। जब कोई
नहीं था तब हम बीजेपी के साथ थे, आज जब सब हैं तो बीजेपी को हमारी जरूरत नहीं। देश आजाद होने से
पहले हमारा एक्ट बना था, हमने
गोरों से लड़ाई लड़ी, 1920
में गोरों ने हमारा एक्ट बनाया था।