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- सीबीआई डायरेक्टर की चयन प्रक्रिया में अब भी सस्पेंस बरकरार....कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
Posted by : achhiduniya
26 January 2019
सिलेक्शन
कमिटी ने 10 जनवरी को वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था। आलोक वर्मा को
इस पद से हटाए जाने के बाद से सीबीआई निदेशक का पद खाली है। आईपीएस अधिकारी एम.
नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेश बनाया गया था। तीन सदस्यीय सिलेक्शन कमिटी
में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, भारत के चीफ जस्टिस रंजन
गोगोई और मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक बेनतीजा रही जिसमें सीबीआई के अंतरिम
डायरेक्टर एम नागेश्वर राव के उत्तराधिकारी का चयन होना था। सीबीआई के नए चीफ की
नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय पैनल की बैठक हुई, लेकिन किसी नाम पर फैसला
नहीं हो सका।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोई फैसला लेने से पहले सभी प्रस्तावित नामों
पर विचार करने के लिए वक्त मांगा था। खड़गे
ने कहा कि दूसरी बैठक 31 जनवरी से पहले बुलाई जानी चाहिए क्योंकि आलोक वर्मा जिन्हें पद
से निलंबित दिया जा चुका है, वह उस दिन रिटायर हो रहे हैं। खड़गे ने कहा, जब मैंने डायरेक्टर पद के
लिए चुन गए नामों की लिस्ट के बारे में पूछा तो मोदीजी ने मीटिंग खत्म करने का
ऐलान कर दिया। चीफ जस्टिस ने भी इस पर मेरा समर्थन किया था। उन्होंने कहा, सूची को जान-बूझकर पेश नहीं
किया गया था क्योंकि इससे बैठक और लंबी खिंचती और मैं आलोक वर्मा को हटाने पर
केंद्रीय सतर्कता समिति (सीवीसी) और न्यायमूर्ति एके पटनायक की रिपोर्ट को
सार्वजनिक करने के लिए कहता।
खड़गे ने कहा कि मीटिंग में
उन्हें 89 आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट दी गई थी जिनमें उनके अनुभव या फिर
वह किस तरह के केस हैंडल कर रहे है, इसके बारे में कोई जानकारी
नहीं थी। उन्होंने कहा, लिस्ट में केवल उनकी जॉइनिंग और रिटायरमेंट के बारे में लिखा
था। इस तरह की लिस्ट के साथ कोई कैसे बता सकता है कि एक्स पर्सन वाइ से अच्छा है। लोकसभा में कांग्रेस
के नेता मल्लिकार्जुन
खड़गे ने कहा है कि एनडीए सरकार जानबूझकर सीबीआई डायरेक्टर की चयन प्रक्रिया में
देरी चाहती है इसलिए मीटिंग में शॉर्ट लिस्ट किए गए उम्मीदवारों के नाम भी पेश
नहीं किए।