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- कर्ज माफी पर किसानो ने दिखाया MP CM कमलनाथ को आईना इतने की तो हम 'बीड़ी' पी जाते हैं....
Posted by : achhiduniya
22 January 2019
मध्य प्रदेश मे किसानों के कर्जमाफी के मुद्दे पर
कांग्रेस सत्ता हासिल की जिसके बाद पार्टी के नेता कमलनाथ ने सीएम की कुर्सी
संभालते ही किसान कर्ज माफी फाइल पर
दस्तखत किए थे। इस फैसले पर कांग्रेस की खूब वाहवाही लूटी ,लेकिन शुरू से ही इसको लेकर किसानों में असमंजस्य की स्थिति
है। हालत यह है कि किसानों अब भटक रहे हैं। अब मध्यप्रदेश में जय किसान ऋण मुक्ति
योजना के तहत किसान कर्जमाफी के फॉर्म भरने लगे हैं,लेकिन जो
सूची सरकारी दफ्तरों में चिपकाई जा रही है उससे किसान खासे परेशान हैं। किसी के
नाम के आगे 30 रुपये की कर्जमाफी है तो किसी के सवा सौ रुपये।
सबसे बड़ी दिक्कत
सरकारी बैंकों में है जहां पर ये लिस्ट अंग्रेजी में आ रही है। किसानों का कहना है
कि अंग्रेजी में पढ़ना किसी के वश की बात नहीं है और ऐसे में कोई नहीं जा पा रहा
है कि किसका नाम है या नहीं है। किसान कह रहे हैं इसे पढ़ना उनके बस की बात नहीं। लेकिन
निपानिया के शिवलाल और शिवनारायण दोनों अपनी बैंक पासबुक के साथ सरकारी दफ्तर के
चक्कर लगा रहे हैं। दोनों पर 20,000 से ज्यादा का कर्ज है,लेकिन माफी मिली है 13 रुपये की। शिवपाल का कहना है, सरकार कर्जा माफ कर रही है तो मेरा पूरा माफ होना चाहिये, 13 रुपये, 5 रुपये इतने की तो हम बीड़ी पी जाते हैं।
वही फॉर्म को भरने के बाद खरगौन के किसान भी हैरान हैं कई के नाम 25, 50,
150, 180 और 300 रुपये तक दर्ज हैं। किसान रतन
लाल महाजन का कहना है कि उन्होंने 2 साल से कोई कर्ज नहीं
लिया फिर भी उनके नाम के आगे 180 रु. कर्जमाफी लिखा है। हमीद
खां जो मुख्यमंत्री कमलनाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा से हैं,उनके
ऊपर 10000 रुपये का कर्ज है लेकिन माफ हुए हैं मात्र 232
रुपये। हमीद खां उम्मीद जताते हुए कहते हैं,माफ
होना चाहिये पूरा पैसा,बड़े किसानों का 2 लाख माफ हो रहा है,यहां तो छोटे काश्तकार हैं। वहीं
आगर मालवा के नारायण सिंह ने एक लाख रुपये का कर्ज लिया था,लेकिन
उनका नाम 2 लाख रुपये के कर्ज वाली लिस्ट में है।
वहीं
परसुखेड़ी के भगवान सिंह के पास 4 बीघा ज़मीन है और उनके ऊपर
2,63,000 का कर्ज है,लेकिन उनका नाम
किसी भी लिस्ट में नहीं है। वहीं अंग्रेजी में नाम आने की बात पर बैंक अधिकारियों
का कहना है कि उनके पास हिन्दी में सॉफ्टवेयर नहीं है। वहीं सरकार का कहना है कि
कोई चूक है उसको ठीक किया जाएगा। बीजेपी का कहना है सरकार किसानों को छलावा दे रही
है इसका परिणाम लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को भुगतना होगा।