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- क्या है जेनेवा संधि? जिसके तहत भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान कर रहा रिहा..
Posted by : achhiduniya
28 February 2019
पाकिस्तानी पीएम इनरान खान ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को रिहा करने का फैसला किया। इमरान खान ने पाक संसद में कहा कि भारतीय पायलट को शुक्रवार को रिहा किया जाएगा। तीनों सेनाओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर-वाइस मार्शल आरजीके कपूर ने कहा, जहां तक वायुसेना का संबंध है, हम खुश हैं कि हमारा पायलट जो पाकिस्तान की हिरासत में है लौट रहा है। एयरफोर्स की तरफ से कहा गया कि विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने का पाकिस्तान का कदम जिनेवा संधि के तहत किया गया है,लेकिन हम इसे जेनेवा कन्वेंशन के तहत देखते हैं। जेनेवा संधि के अनुसार युद्धबंदियों (POW) के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए। उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। साथ ही सैनिकों को कानूनी सुविधा भी मुहैया करानी होगी। जेनेवा संधि के तहत युद्धबंदियों को डराया-धमकाया नहीं जा सकता। इसके अलावा उन्हें अपमानित नहीं किया जा सकता।
इस संधि के मुताबिक
युद्धबंदियों (POW) पर मुकदमा चलाया जा सकता है। इसके अलावा
युद्ध के बाद युद्धबंदियों को वापस लैटाना होता है। कोई भी देश युद्धबंदियों को
लेकर जनता में उत्सुकता पैदा नहीं कर सकता। युद्धबंदियों से सिर्फ उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट
के बारे में पूछा जा सकता है। इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देख रेख की जाती
है। संधि के तहत उन्हें खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है। इस संधि के
मुताबिक किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता। किसी देश का
सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है। (फिर चाहे वह स्त्री हो
या पुरुष) संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता। युद्धबंदी की
जाति, धर्म, जन्म आदि
बातों के बारे में नहीं पूछा जाता।